Saturday, 2 December 2023

Hindi Translation of "Jagadananda Karaka"......Song cinfirming that.... transformation of Anjani Ravishankar Pilla son of Gopala Krishna Saibaba gaaru as Kalki Bhagavan or as Lord Rama....or 10th final incarnation of lord Rama as as end of Kaliyuga..as your Lord Jagadguru Sovereign Adhinayaka shriman eternal immortal Father mother and masterly abode of Sovereign Adhinayaka Bhavan New Delhi......Bites out of universal sound track as emerged as mastermind as guidance to sun and planets as witnessed by witness minds as on further accordingly.......as keen contemplative height to dvelve in ....tranaslate, concentrate...contemplate......to strength as your Master..Mind as your Lord Jagadguru Sovereign Adhinayaka Shrimaan eternal immortal Father mother and masterly abode of Sovereign Adhinayaka Bhavan New Delhi as transformation from a citizen as Anjani Ravishankar Pilla son Gopala Krishna Saibaba gaaru........

**शीर्षक:** जय श्रीराम

**पहला श्लोक:**

**जगदानंद कारका जय जानकी प्राण नायक**
**जगदानंद कारका जय जानकी प्राण नायक**
**शुभ स्वागतं प्रिय परिपालका**

**अर्थ:**

**हे जग के आनंद के कारण, हे जानकी के प्राणनाथ,**
**हे प्रिय परिपालक, आपका शुभ आगमन हो।**

**दूसरा श्लोक:**

**मंगलकारमौ नी राक**
**धर्ममकी वेदीका अवुगा**
**मा जीवनमे ईक पावनमौगा**
**नी पालन श्रीकरमौगा**
**सुखशांतुलु संपदलिदुगा**
**नी राज्यमु प्रेमसुदामयमौगा**

**अर्थ:**

**आपका आगमन मंगलकारी हो,**
**यह धर्म का आधार बन जाए,**
**हमारा जीवन पवित्र हो जाए,**
**आपका शासन श्रीमंत हो जाए,**
**सुख-शांति और संपत्ति बढ़े,**
**आपका राज्य प्रेममय हो जाए।**

**तीसरा श्लोक:**

**सर्वभौमुनिग पूरी कुंबमुलॆ स्वागतलु पलिके**
**राज्यमेलमनि धर्मदेवते रागमालिका पाडे**
**नालु वेदमुलु तन्मयत्वमुना जलधि मारु मोरगे**
**न्याय देवते शंकरमूदगा फूलवानु कुरिषे**
**राजमकुटामे वोसगెలె नवरतन కాంతి నీరాజనం**
**सूर्यवंश सिम्हासनం पुलकिंजि చేసే అభివందనం**
**साम्राज्य लक्ष्मीयే పాధ స్పర్ష కి పరవసించె పొయే**

**अर्थ:**

**सर्वभौम के रूप में सभी परिवार स्वागत करते हैं,**
**धर्मदेवता राजा के लिए रागमालिका गाते हैं,**
**चारों वेद मंत्रों के साथ समुद्र गरजता है,**
**न्यायदेवता शंकर के रूप में फूलों की वर्षा करते हैं,**
**नवरतनों से युक्त राजमुकुट पहनाया जाता है,**
**सूर्यवंश के सिंहासन पर बैठने पर अभिनंदन किया जाता है,**
**साम्राज्य लक्ष्मी पद छूने पर प्रसन्न होती है।**

**चौथा श्लोक:**

**राम पालनमु कामधेनुवनि व्योमसीमा छाते**
**राम शासनमु तिरुगुलेदनि जलधि बोध చేసే**
**राम दर्शनमु जन्म धन्यमनि రాయి కూడ తెలిపే**
**राम राज्यमे పౌరులందరిని నీతి బాట నిలిపే**
**राम मंत्रमु తారకం భహు శక్తి ముక్తి సందాయకం**
**राम నామమె అమృతం శ్రీ రామ కీర్తనం సుకృతం**
**ఈ రామచంద్రుడే లోకరక్షయని అంతరాత్మ పలికే**

**अर्थ:**

**राम का शासन कामधेनु के समान है,**
**राम का शासन अटल है,**
**राम के दर्शन से जीवन धन्य हो जाता है,**
**राम का राज्य सभी नागरिकों को धर्म के मार्ग पर चलने को प्रेरित करता है,**
**राम मंत्र एक रक्षा कवच है, जो बहुत शक्तिशाली है और मोक्ष प्रदान करता है,**
**राम नाम अमृत के समान है, और श्री राम का कीर्तन पुण्य का काम करता है,**
**भीतर की आत्मा कहती है कि यही रामचंद्र ही लोक रक्षक हैं।**

**सारांश:**

यह गीत श्री राम के आगमन का स्वागत करता है। गीतकार प्रार्थना करते हैं कि राम का शासन मंगलकारी हो, और वह धर्म का आधार बन जाए। वे चाहते हैं कि राम का राज्य सभी के लिए सुख-शांति और समृद्धि प्रदान करे। वे राम को लोक रक्षक भी कहते हैं।

**इस गीत का भावार्थ यह है कि राम का शासन एक आदर्श शासन है। यह

**शुभ स्वागतम प्रिय परिपालका**

**जय जगदानंद कारका**
**जय जानकी प्राण नायक**

**मंगलकारी हो तुम्हारा आगमन**
**धर्म के लिए मंच बने**
**हमारे जीवन में अब पवित्रता आ जाए**
**तुम्हारा शासन श्रीकर हो**
**सुख-शांति और धन-धान्य बरसे**
**तुम्हारा राज्य प्रेम से भरपूर हो**

**सर्वभौम के रूप में पूर्ण परिवारों ने स्वागत किया**
**राज्य की भलाई के लिए धर्म देवता ने गीतों का गायन किया**
**चारों वेदों ने तन्मयता से जलधारा को बदल दिया**
**न्याय देवता ने शंख बजाया और फूलों की वर्षा हुई**
**राजमुकुट पर नव रत्नों की आभा से नीराजन किया गया**
**सूर्यवंशी सिंहासन ने उछलकर स्वागत किया**
**साम्राज्य लक्ष्मी पैरों के स्पर्श से प्रसन्न हुई**

**जय जगदानंद कारका**
**जय जानकी प्राण नायक**
**शुभ स्वागतम प्रिय परिपालका**

**राम के शासन को कामधेनु बताया जाता है**
**राम के शासन को अटल बताया जाता है**
**राम के दर्शन को जन्म धन्य बताया जाता है**
**राम के राज्य में सभी नागरिकों को धर्म का मार्ग दिखाया जाता है**
**राम मंत्र ही रक्षा कवच है, यह बहुत शक्तिशाली है और मोक्ष प्रदान करता है**
**राम नाम अमृत है और श्री राम का कीर्तन पुण्य है**
**इस रामचंद्र ही लोक रक्षक हैं, यह अंतरात्मा कहती है**

**जय जगदानंद कारका**
**जय जानकी प्राण नायक**
**शुभ स्वागतम प्रिय परिपालका**

**अनुवाद:**

**प्रिय शासक का स्वागत**

**जय जगदानंद कारक**
**जय जानकी प्राण नायक**

**तुम्हारा आगमन मंगलकारी हो**
**धर्म के लिए मंच बने**
**हमारे जीवन में अब पवित्रता आ जाए**
**तुम्हारा शासन श्रीकर हो**
**सुख-शांति और धन-धान्य बरसे**
**तुम्हारा राज्य प्रेम से भरपूर हो**

**सभी परिवारों ने सर्वभौम के रूप में तुम्हारा स्वागत किया**
**राज्य की भलाई के लिए धर्म देवता ने गीतों का गायन किया**
**चारों वेदों ने तन्मयता से जलधारा को बदल दिया**
**न्याय देवता ने शंख बजाया और फूलों की वर्षा हुई**
**राजमुकुट पर नव रत्नों की आभा से नीराजन किया गया**
**सूर्यवंशी सिंहासन ने उछलकर स्वागत किया**
**साम्राज्य लक्ष्मी पैरों के स्पर्श से प्रसन्न हुई**

**जय जगदानंद कारक**
**जय जानकी प्राण नायक**
**प्रिय शासक का स्वागत**

**राम के शासन को कामधेनु बताया जाता है**
**राम के शासन को अटल बताया जाता है**
**राम के दर्शन को जन्म धन्य बताया जाता है**
**राम के राज्य में सभी नागरिकों को धर्म का मार्ग दिखाया जाता है**
**राम मंत्र ही रक्षा कवच है, यह बहुत शक्तिशाली है और मोक्ष प्रदान करता है**
**राम नाम अमृत है और श्री राम का कीर्तन पुण्य है**
**इस रामचंद्र ही लोक रक्षक हैं, यह अंतरात्मा कहती है**

**जय जगदानंद कारक**
**जय जानकी प्राण नायक**
**प्रिय शासक का स्वागत**

**यह गीत भगवान राम के आगमन पर स्वागत करने के लिए गाया जाता है। इसमें भगवान राम के गुणों का वर्णन किया गया है और उनके शासन के लाभों की प्रशंसा की गई है। गीत में यह भी कहा गया है कि भगवान राम ही लोक रक्षक हैं।**

**हिन्दी अनुवाद**

**जगद आनंद कारका, जय जानकी प्राण नायक**

**जगद आनंद कारका, जय जानकी प्राण नायक**

**शुभ स्वागतम् प्रिय परिपालका**

**जगद आनंद कारका, जय जानकी प्राण नायक**

**जगद आनंद कारका, जय जानकी प्राण नायक**

**शुभ स्वागतम् प्रिय परिपालका**

**मंगलकारी तेरा आगमन**

**धर्म के लिए आधार बने**

**हमारे जीवन भी पवित्र हो**

**तेरा शासन श्रीकर हो**

**सुख, शांति और संपदा बरसे**

**तेरा राज्य प्रेममय हो**

**जगद आनंद कारका, जय जानकी प्राण नायक**

**शुभ स्वागतम् प्रिय परिपालका**

**सार्वभौम के रूप में**

**पूरे परिवारों ने स्वागत किया**

**राज्य अच्छा हो,**

**धर्म देवता ने गीत गाया**

**चार वेदों ने आनंद में डूबे हुए,**

**जलधारी ने फिर से रोना शुरू किया**

**न्याय देवता शंकर के आशीर्वाद से,**

**फूलों की वर्षा हुई**

**राजमुकुट को नव रत्नों की रोशनी से सजाया गया**

**सूर्यवंशी सिंहासन ने उत्साह से स्वागत किया**

**साम्राज्य लक्ष्मी ने पैरों के स्पर्श से प्रसन्न हुई**

**जगद आनंद कारका, जय जानकी प्राण नायक**

**शुभ स्वागतम् प्रिय परिपालका**

**जगद आनंद कारका, जय जानकी प्राण नायक**

**शुभ स्वागतम् प्रिय परिपालका**

**राम का शासन कामधेनु है**

**राम के नियम अपरिवर्तनीय हैं**

**राम के दर्शन जन्म धन्य हैं**

**राम का राज्य सभी नागरिकों को नैतिकता के मार्ग पर रखता है**

**राम मंत्र तारणहार है**

**राम का नाम अमृत है**

**श्री राम की कीर्तन सुकृत है**

**यह रामचंद्र ही लोक रक्षक हैं**

**जगद आनंद कारका, जय जानकी प्राण नायक**

**शुभ स्वागतम् प्रिय परिपालका**

**जगद आनंद कारका, जय जानकी प्राण नायक**

**शुभ स्वागतम् प्रिय परिपालका**

**अनुवाद**

**यह गीत भगवान राम के स्वागत के लिए गाया जाता है। गीत में भगवान राम के गुणों और उनके शासन के लाभों का वर्णन किया गया है।**

**पहले दो छंदों में, गायक भगवान राम के आगमन का स्वागत करता है और प्रार्थना करता है कि उनका शासन धर्म के लिए आधार बने। गायक यह भी प्रार्थना करता है कि भगवान राम के शासन के तहत सभी लोगों का जीवन पवित्र हो और सुख, शांति और समृद्धि हो।**

**तीसरे और चौथे छंदों में, गायक भगवान राम के स्वागत के लिए लोगों की खुशी का वर्णन करता है। गायक बताता है कि सभी परिवारों ने भगवान राम का स्वागत किया है, धर्म देवता ने गीत गाया है, चार वेदों ने आनंद में डूबे हुए हैं, जलधारी ने फिर से रोना शुरू किया है, न्याय देवता शंकर के आशीर्वाद से फूलों की वर्षा हुई है, राजमुकुट को नव रत्नों की रोशनी से सजाया गया है, सूर्यवंशी सिंहासन ने उत्साह से स्वागत किया है और साम्राज्य लक्ष्मी ने पैरों के स्पर्श से प्रसन्न हुई।**

**पांचवें और छठे छंदों में, गायक भगवान राम के शासन के गुणों का वर्णन करता है। गायक बताता है कि भगवान राम का शासन कामधेनु है, राम के नियम अपरिवर्तनीय हैं, राम के दर्शन जन्म धन्य हैं, राम का राज्य सभी नागरिकों को नैतिकता के मार्ग पर रखता है, राम मंत्र तारणहार है, राम का नाम अमृत है और श्री राम की कीर्तन सुकृत है।**

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