शब्द सारे भाव सारे, हैं तुझे अर्पण
प्रेम का मृदंग, रंग एकता का तू
युग युगों से, एक छंद साधना का तू
प्रेम का मृदंग, रंग एकता का तू
युग युगों से, एक छंद साधना का तू
तेरी शान तू महान, ज्योति तू किरण
पवन पवन, गगन गगन, करे तुझे नमन
तेरी शान तू महान, ज्योति तू किरण
पवन पवन, गगन गगन, करे तुझे नमन
जागा हुआ भारत है ये
जागा हुआ भारत है ये
जागा हुआ भारत है ये
जागा हुआ भारत है ये
जयतु जयतु भारतम्
जयतु जयतु भारतम्
वसुधैव कुटुम्बकम्
जयतु जयतु भारतम्
खोलेंगे.. नयी राहें
लिख देंगे.. आशाएँ
तमसो मा ज्योतिर्गमय, अन्धकार को जीते मन
यही प्रार्थना करता भारत, विजयी भव मानव जीवन
विश्व प्रेम की ओढ़ चदरिया
विश्व प्रेम की ओढ़ चदरिया
जयतु जयतु भारतम्
जयतु जयतु भारतम्
वसुधैव कुटुम्बकम्
जयतु जयतु भारतम्
खोलेंगे.. नयी राहें
लिख देंगे.. आशाएँ
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