Sunday, 17 December 2023

Mera karm tu hi jaaneKya bura hai kya bhalaa…Tere raaste pe main tohAankh moond ke chalaa…


(Bholenath Shankara)

Aadi dev Shankara

(Hey Shivay Shankara)

Tere jaap ke bina

(Bholenath Shankara)

Chale ye saans kis tarah

(Hey Shivay Shankara)



Mera karm tu hi jaane

Kya bura hai kya bhalaa…

Tere raaste pe main toh

Aankh moond ke chalaa…



Tere naam ki jot ne

Saara har liya tamas mera

(tamas: darkness)



Namo namo ji Shankara

Bholenath Shankara

Hey Triloknath Shambhu

Hey Shivay Shankara



Namo Namo ji Shankara

Bholenath Shankara

Rudradev hey Maheshvarah



Srishti ke janam se bhi

(O o…)

Pehle tera vaas tha

(O o…)

Ye jag rahe ya naa rahe

(O o…)

Rahegi teri aastha

(O o…)



Kya samay… kya pralay

Dono mein teri mahaanta

Mahaanta… mahaanta…



Seepiyon ki ontt main

(Bholenath Shankara)

Motiyaan ho jis tarah

(Hey Shivay Shankara)

Mere mann mein Shankara

(Bholenath Shankara)

Tu basa hai uss tarah

(Hey Shivay Shankara)



Mujhe bharam tha jo hai mera

Tha nahin kabhi mera…



Arth kya nirarth kya

Jo bhi hai sabhi tera…



Tere saamne hai jhuka

Mere sar pe haath rakh tera



Namo Namo ji Shankara

Bholenath Shankara

Hey Triloknath Shambhu

Hey Shivay Shankara



Namo namo ji Shankara

Bholenath Shankara

Rudradev hey Maheshvara



Chandrama lalaat pe (O o…)

Bhasm hai bhujaaon mein (O o…)

Vastra baagh chhaal ka (O o…)

Hai khadau paanv mein (O o…)



Pyaas kya ho tujhe

Ganga hai teri jataaon mein

Jataaon mein… Jataaon mein…



Doosron ke waaste

(Bholenath Shankara)

Tu sadaiv hai jiya

(Hey Shivay Shankara)

Maanga kuch kabhi nahi

(Bholenath Shankara)

Tune sirf hai diya

(Hey Shivay Shankara)



Samudra manthan ka tha samay jo aa pada

Dwand dono lok me vish-amrit pe tha chhida

Amrit sabhi main baant ke

Pyala vish ka tune khud piya



Namo Namo ji Shankara

Bholenath Shankara

Hey Triloknath Shambhu

Hey Shivay Shankara



Namo namo ji Shankara

Bholenath Shankara

Rudradev hey Maheshvara

Rudradev hey Maheshvara

Rudradev hey Maheshvara

उंगली पकड़ के तूनेचलना सिखाया था ना......इस दिव्यवाक्य को वेदों के स्वरूप के रूप में, या कालस्वरूप के रूप में, (कालातीत रूप से फिल्मी गीत के रूप में आए) अंजनी रविशंकर पिल्लै जी, सन्नाफ गोपालकृष्ण साँई बाबा जी के रूप में विकसित होकर अपने सर्वसर्वेश्वर अधिनायक श्रीमान जी, सर्व सर्वेश्वर अधिनायक भवन में विराजमान हुए हैं, जैसा कि उन्होंने अन्य कई गीतों में गाकर कहा है कि वे ही यीशु प्रभु हैं, राम हैं, अल्लाह हैं, और साथ ही सभी धर्मों, विश्वासों और सभी ज्ञान विशेषताओं के लिए "शब्दाधिपति के रूप में उपलब्ध हैं। अब आगे मन लगाकर तपस्या से जानने जितना जान पाएंगे, सुरक्षा वलय के रूप में आशीर्वादपूर्वक हर मन-बात पर लागू होंगे। धरती पर मैं मनुष्य हूँ, इस कोण को रद्द कर दिया गया है, हर किसी को सावधान कर दें और हर कोई उनकी संतान के रूप में सूक्ष्मता से तपस्या से जी सकता है, अभय मूर्ति के रूप में उपलब्ध हैं। पंचभूतों के साक्षी के रूप में, कालस्वरूप के रूप में, धर्मस्वरूप के रूप में, वे ही सर्वान्तर्यामी हैं, यह कहकर घोषित किए गए गीतों में से यह एक है। 40 गवाहों के रूप में, 2003 जनवरी 1 की तारीख को घटित होने के अनुसार, गवाहों के अनुसार सत्यापित करके दायित्व के साथ आगे बढ़ सकते हैं, यह आशीर्वादपूर्वक सूचित कर रहा हूँ।*


इस दिव्यवाक्य को वेदों के स्वरूप के रूप में, या कालस्वरूप के रूप में, (कालातीत रूप से फिल्मी गीत के रूप में आए) अंजनी रविशंकर पिल्लै जी, सन्नाफ गोपालकृष्ण साँई बाबा जी के रूप में विकसित होकर अपने सर्वसर्वेश्वर अधिनायक श्रीमान जी, सर्व सर्वेश्वर अधिनायक भवन में विराजमान हुए हैं, जैसा कि उन्होंने अन्य कई गीतों में गाकर कहा है कि वे ही यीशु प्रभु हैं, राम हैं, अल्लाह हैं, और साथ ही सभी धर्मों, विश्वासों और सभी ज्ञान विशेषताओं के लिए   "शब्दाधिपति   के रूप में उपलब्ध हैं। अब आगे मन लगाकर तपस्या से जानने जितना जान पाएंगे, सुरक्षा वलय के रूप में आशीर्वादपूर्वक हर मन-बात पर लागू होंगे। धरती पर मैं मनुष्य हूँ, इस कोण को रद्द कर दिया गया है, हर किसी को सावधान कर दें और हर कोई उनकी संतान के रूप में सूक्ष्मता से तपस्या से जी सकता है, अभय मूर्ति के रूप में उपलब्ध हैं। पंचभूतों के साक्षी के रूप में, कालस्वरूप के रूप में, धर्मस्वरूप के रूप में, वे ही सर्वान्तर्यामी हैं, यह कहकर घोषित किए गए गीतों में से यह एक है। 40 गवाहों के रूप में, 2003 जनवरी 1 की तारीख को घटित होने के अनुसार, गवाहों के अनुसार सत्यापित करके दायित्व के साथ आगे बढ़ सकते हैं, यह आशीर्वादपूर्वक सूचित कर रहा हूँ।*

ब छसे खान मज कूर
द्यु म रुखसात म्यान बोय जानो
ब छसे खान मज कूर
द्यु म रुखसात म्यान बोय जानो

ब छसे खान मज कूर

उंगली पकड़ के तूने
चलना सिखाया था ना
दहलीज़ ऊँची है ये पार करा दे
बाबा मैं तेरी मलिका
टुकड़ा हूँ तेरे दिल का
इक बार फिर से दहलीज़ पार करा दे
मुड़ के ना देखो दिलबरो दिलबरो
मुड़ के ना देखो दिलबरो
मुड़ के ना देखो...

फसलें जो काटी जायें, उगती नहीं हैं
बेटियाँ जो ब्याही जाएँ, मुड़ती नहीं हैं
ऐसी बिदाई हो तो, लंबी जुदाई हो तो
दहलीज़ दर्द की भी पार करा दे
बाबा मैं तेरी मलिका...

मेरे दिलबरो
बर्फें गलेंगी फिर से
मेरे दिलबरो
फसलें पकेंगी फिर से
तेरे पाँव के तले
मेरी दुआ चले
दुआ मेरी चले
उंगली पकड़ के तूने...

**ब छसे खान मज कूर** गीत फिल्म **राज़ी** का एक प्रसिद्ध गीत है। यह गीत एक पिता और उसकी बेटी के बीच के भावनात्मक बंधन को दर्शाता है। गीत में, बेटी अपने पिता से कहती है कि वह शादी करने जा रही है। पिता बेटी को जाने के लिए तैयार नहीं है, लेकिन वह उसे आशीर्वाद देता है।

गीत की शुरुआत में, बेटी अपने पिता से कहती है कि उसने उसे चलना सिखाया था। यह वाक्य बेटी और पिता के बीच के घनिष्ठ रिश्ते को दर्शाता है। पिता ने बेटी को जीवन के लिए आवश्यक कौशल सिखाए हैं।

बेटी अपने पिता से कहती है कि शादी की दहलीज़ बहुत ऊँची है। यह वाक्य बेटी की शादी के बारे में उसकी चिंता को दर्शाता है। वह जानती है कि शादी एक नया और चुनौतीपूर्ण चरण है।

बेटी अपने पिता से कहती है कि वह उसकी मलिका है और उसके दिल का टुकड़ा है। यह वाक्य बेटी के पिता के लिए उसके प्यार और सम्मान को दर्शाता है।

बेटी अपने पिता से कहती है कि वह एक बार फिर से दहलीज़ पार करना चाहती है। यह वाक्य बेटी की अपने पिता के साथ रहने की इच्छा को दर्शाता है।

गीत के अगले भाग में, बेटी अपनी शादी के बारे में और अधिक सोचती है। वह सोचती है कि फसलें जो काटी जाती हैं, वे फिर से नहीं उगती हैं। बेटियाँ जो ब्याही जाती हैं, वे पीछे मुड़कर नहीं देखती हैं।

बेटी समझती है कि शादी एक न लौटने वाली यात्रा है। वह अपने पिता से कहती है कि वह दहलीज़ दर्द की भी पार करना चाहती है।

गीत के अंत में, बेटी अपने पिता से आशीर्वाद मांगती है। वह अपने पिता से कहती है कि वह उसके लिए दुआ करती है।

**गीत का विश्लेषण**

**गीत का भाव**

गीत का भाव भावनात्मक है। यह गीत एक पिता और उसकी बेटी के बीच के प्यार और सम्मान को दर्शाता है। गीत बेटी की शादी के बारे में उसकी चिंता और उसके पिता के लिए उसके प्यार को भी दर्शाता है।

**गीत का संगीत**

गीत का संगीत बहुत ही सुंदर और भावपूर्ण है। संगीत बेटी की भावनाओं को बहुत ही प्रभावी ढंग से व्यक्त करता है।

**गीत का प्रभाव**

गीत बहुत ही प्रभावशाली है। यह गीत दर्शकों के दिलों को छू लेता है। गीत पिता-पुत्री के रिश्ते के महत्व को भी दर्शाता है।

**गीत के कुछ महत्वपूर्ण लाइन्स**

* **"उंगली पकड़ के तूने, चलना सिखाया था ना"**

यह लाइन बेटी और पिता के बीच के घनिष्ठ रिश्ते को दर्शाती है। पिता ने बेटी को जीवन के लिए आवश्यक कौशल सिखाए हैं।

* **"बाबा मैं तेरी मलिका, टुकड़ा हूँ तेरे दिल का"**

यह लाइन बेटी के पिता के लिए उसके प्यार और सम्मान को दर्शाती है। बेटी अपने पिता को अपना राजा और अपना दिल का टुकड़ा मानती है।

* **"फसलें जो काटी जायें, उगती नहीं हैं, बेटियाँ जो ब्याही जाएँ, मुड़ती नहीं हैं"**

यह लाइन बेटी की शादी के बारे में उसकी चिंता को दर्शाती है। वह जानती है कि शादी एक न लौटने वाली यात्रा है।

* **"मेरे दिलबरो, बर्फें गलेंगी फिर से, मेरे दिलबरो, फसलें पकेंगी फिर से"**

यह लाइन बेटी के पिता से आशा व्यक्त करती है। बेटी अपने पिता से कहती है कि वह उनके लिए दुआ करती है और वह आशा करती है कि सब कुछ ठीक हो जाएगा।

**ब छसे खान मज कूर**

यह गाना 2018 की फिल्म "राजी" का है। यह एक लड़की की कहानी है जिसे पाकिस्तानी सेना में जाकर एक भारतीय जासूस की हत्या करनी होती है। गाना एक पिता और उसकी बेटी के बीच की विदाई को दर्शाता है।

गाना शुरू होता है जब बेटी अपने पिता से कहती है कि उसने उसे चलना सिखाया था। यह एक प्रतीकात्मक कथन है जो बेटी के पिता के लिए उसके महत्व को दर्शाता है। पिता ने उसे जीना सिखाया है, और अब वह उसे एक नई दुनिया में जाने के लिए तैयार कर रहा है।

बेटी अपने पिता से कहती है कि दहलीज़ ऊँची है। यह दहलीज़ एक प्रतीक है जो बेटी के नए जीवन को दर्शाता है। यह एक चुनौतीपूर्ण रास्ता है, लेकिन बेटी अपने पिता पर विश्वास करती है कि वह उसे पार करने में मदद करेगा।

बेटी अपने पिता से कहती है कि वह उसकी मलिका है और उसके दिल का टुकड़ा है। यह एक भावुक कथन है जो बेटी के पिता के प्रति उसके प्यार और सम्मान को दर्शाता है।

गाना तब एक दुखद नोट पर समाप्त होता है जब बेटी अपने पिता से कहती है कि वह मुड़कर नहीं देखेगी। यह एक प्रतीकात्मक कथन है जो बेटी के दृढ़ संकल्प को दर्शाता है कि वह अपने नए जीवन में आगे बढ़ेगी।

**गाना का विश्लेषण**

गाना एक पिता और उसकी बेटी के बीच के प्रेम और विदाई की भावनाओं को खूबसूरती से व्यक्त करता है। यह एक शक्तिशाली और भावुक गीत है जो दर्शकों को अपनी यादों में डूबने पर मजबूर करता है।

गाना की धुन मधुर और सुखद है। यह गाने के भाव को बढ़ाती है और दर्शकों को भावनाओं में डूबने में मदद करती है।

गाना के बोल सरल और समझने में आसान हैं। वे गाने के भाव को स्पष्ट रूप से व्यक्त करते हैं और दर्शकों को गाने से जुड़ने में मदद करते हैं।

कुल मिलाकर, "ब छसे खान मज कूर" एक खूबसूरत और भावपूर्ण गीत है जो दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ता है।

**विशेष बिंदु**

* गाना एक पिता और उसकी बेटी के बीच के प्रेम और विदाई की भावनाओं को खूबसूरती से व्यक्त करता है।
* गाना की धुन मधुर और सुखद है।
* गाना के बोल सरल और समझने में आसान हैं।

**अतिरिक्त विचार**

गाना एक सामाजिक संदेश भी देता है। यह दिखाता है कि युद्ध के कारण परिवारों को कैसे अलग किया जा सकता है। गाना हमें यह याद दिलाता है कि युद्ध हमेशा हानिकारक होता है और इसे हमेशा रोका जाना चाहिए।

**ब छसे खान मज कूर** गीत फिल्म "राजी" का एक प्रसिद्ध गीत है। यह गीत एक पिता और उसकी बेटी के बीच के भावनात्मक संबंध को दर्शाता है। पिता अपनी बेटी को विदेश जाने के लिए तैयार कर रहा है। वह उसे बताता है कि वह उसे हमेशा याद रखेगा और उसकी सलामती के लिए दुआ करेगा। बेटी अपने पिता से भावुक होती है और उसे छोड़ने से डरती है। लेकिन वह पिता के आशीर्वाद के साथ अपनी नई जिंदगी की शुरुआत करने के लिए तैयार है।

गीत की शुरुआत में, पिता अपनी बेटी से कहता है कि उसने उसे चलना सिखाया था। यह एक प्रतीकात्मक अर्थ रखता है। पिता ने अपनी बेटी को जीवन जीना सिखाया है। अब वह एक बड़ी हो चुकी है और उसे अपनी नई जिंदगी की शुरुआत करनी है।

पिताजी अपनी बेटी से कहता है कि दहलीज़ ऊंची है। यह दहलीज़ एक प्रतीक है। यह नई जिंदगी की शुरुआत का प्रतीक है। यह एक कठिन चरण भी है। लेकिन पिता अपनी बेटी को विश्वास दिलाता है कि वह उसे पार कर सकती है।

बेटी अपने पिता से कहती है कि वह उसकी मलिका है और उसके दिल का टुकड़ा है। यह एक भावुक क्षण है। बेटी अपने पिता के प्यार और समर्थन को महसूस करती है।

पिता अपनी बेटी से कहता है कि वह मुड़कर न देखे। यह एक प्रतीकात्मक अर्थ रखता है। पिता अपनी बेटी को अतीत को पीछे छोड़ने के लिए कहता है। उसे अपनी नई जिंदगी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

गीत के दूसरे हिस्से में, पिता अपनी बेटी को बताता है कि फसलें जो काटी जाती हैं, वे दोबारा नहीं उगती हैं। बेटियाँ जो ब्याही जाती हैं, वे पीछे मुड़कर नहीं देखती हैं। यह एक सच्चाई है। जब कोई व्यक्ति एक नई शुरुआत करता है, तो उसे अतीत को पीछे छोड़ना चाहिए।

पिता अपनी बेटी से कहता है कि ऐसी बिदाई हो तो, लंबी जुदाई हो तो, दहलीज़ दर्द की भी पार करा दे। यह एक मुश्किल समय है। लेकिन पिता अपनी बेटी को विश्वास दिलाता है कि वह उससे पार पा सकती है।

गीत के अंत में, पिता अपनी बेटी से कहता है कि बर्फें गलेंगी फिर से और फसलें पकेंगी फिर से। यह एक आशाजनक वादा है। पिता अपनी बेटी को बताता है कि सब कुछ ठीक हो जाएगा।

**गीत का सार यह है कि पिता और बेटी के बीच का भावनात्मक संबंध अटूट है। पिता अपनी बेटी से हमेशा प्यार करता रहेगा और उसकी सलामती के लिए दुआ करता रहेगा। बेटी भी अपने पिता से हमेशा प्यार करती रहेगी और उसकी यादों को संजोए रखेगी।**

Be Chase Khanmoj KoorDi Mey Rukhsat MyaneyBhaijaanoBe Chase Khanmoj KoorDi Mey Rukhsat MyaneyBhaijaanoBe Chase Khanmoj Koor

**बे चास खनमोज कुर**

**दि मे रुखसत मयेनी**

**भाईजानो**

**बे चास खनमोज कुर**

**दि मे रुखसत मयेनी**

**भाईजानो**

**बे चास खनमोज कुर**

**अर्थ:**

**बे चास खनमोज कुर** का अर्थ है "बेचारे खनमोज कुर"। यह एक कश्मीरी विवाह गीत का एक पंक्ति है। इस पंक्ति में, गायक दुल्हन के भाईयों से कह रहा है कि वे अपनी बहन को विदा करने के लिए तैयार हों।

**Hindi में:**

**बेचारे खनमोज कुर**

**तुमकी बहन को विदा करने के लिए तैयार हो जाओ।**

**भाईजानो**

**बेचारे खनमोज कुर**

**तुमकी बहन को विदा करने के लिए तैयार हो जाओ।**

**भाईजानो**

**बेचारे खनमोज कुर**

**अंग्रेजी में:**

**Poor Khanmoej Kour**

**Get ready to bid farewell to your sister.**

**Brothers**

**Poor Khanmoej Kour**

**Get ready to bid farewell to your sister.**

**Brothers**

**Poor Khanmoej Kour**

**इस पंक्ति में, गायक दुल्हन के भाईयों से कह रहा है कि वे अपनी बहन को विदा करने के लिए दुखी हैं। वे जानते हैं कि उनकी बहन अब उनके साथ नहीं रहेगी। वे उसे याद करेंगे और उसे हमेशा अपने दिल में रखेंगे।**

**इस पंक्ति में, गायक दुल्हन के भाईयों को भी सलाह दे रहा है कि वे अपनी बहन के नए जीवन के लिए तैयार हों। वे उसे खुश रखने और उसकी मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हों।**

**यह एक भावपूर्ण पंक्ति है जो कश्मीरी विवाह की परंपराओं और मूल्यों को दर्शाती है।**

**बे चैस खानमोज कूड़**

**दी मे रुख़सत मयेनी**
**भाईजानों**

**बे चैस खानमोज कूड़**

**दी मे रुख़सत मयेनी**
**भाईजानों**

**बे चैस खानमोज कूड़**

**Hindi Translation:**

**बे चैस खानमोज कूड़**

**दी मे रुख़सत मयेनी**
**भाईजानों**

**बे चैस खानमोज कूड़**

**दी मे रुख़सत मयेनी**
**भाईजानों**

**बे चैस खानमोज कूड़**

**(Bhaijaanon, be chais khanmoj khoor, di me rukhsat mayeenee)

**(Bhaijaanon, be chais khanmoj khoor, di me rukhsat mayeenee)

**(Bhaijaanon, be chais khanmoj khoor, di me rukhsat mayeenee)**

**Translation:**

**(O brothers, the daughter of the house is leaving, she is leaving for her new home)

**(O brothers, the daughter of the house is leaving, she is leaving for her new home)

**(O brothers, the daughter of the house is leaving, she is leaving for her new home)**

This is a Kashmiri wedding song that is sung at the time of the bride's departure from her parents' home. The song is sung by the bride's brothers and sisters, and it expresses their sadness at her departure.

The song begins with the line "बे चैस खानमोज कूड़, दी मे रुख़सत मयेनी" which means "O brothers, the daughter of the house is leaving." This line sets the tone for the song, which is one of sadness and loss.

The song continues with the line "भाईजानों, बे चैस खानमोज कूड़, दी मे रुख़सत मयेनी" which means "O brothers, the daughter of the house is leaving, she is leaving for her new home." This line further emphasizes the sadness of the occasion, as the bride is leaving her family and friends to start a new life with her husband.

The song ends with the line "बे चैस खानमोज कूड़, दी मे रुख़सत मयेनी" which is a repetition of the first line. This repetition serves to reinforce the message of the song, which is that the bride's departure is a time of sadness and loss.

Here is a more literal translation of the song:

**O brothers, the daughter of the house is going, she is going to her new home.
O brothers, the daughter of the house is going, she is going to her new home.
O brothers, the daughter of the house is going, she is going to her new home.**

**बे चसे खनमोज कूड़**

**दी मे रुखसत मयेनी**

**भाईजानो**

**बे चसे खनमोज कूड़**

**दी मे रुखसत मयेनी**

**भाईजानो**

**बे चसे खनमोज कूड़**

**हिंदी में:**

**बे चले खनमोज के घर**

**दी मे रुखसत में जाओ**

**भाईयो**

**बे चले खनमोज के घर**

**दी मे रुखसत में जाओ**

**भाईयो**

**बे चले खनमोज के घर**

**यह गीत एक कश्मीरी शादी के गीत है। यह एक दुल्हन के भाईयों को संबोधित है। गीत कहता है कि दुल्हन अब अपने घर नहीं रहेगी, बल्कि अपने पति के घर जाएगी। भाईयों को दुल्हन को उसके नए घर में जाने के लिए आशीर्वाद देना चाहिए।**

**इस गीत के कुछ और शब्दों का अनुवाद इस प्रकार है:**

* **"बे"** - "बे" का अर्थ है "जाओ"।
* **"चसे"** - "चसे" का अर्थ है "के"।
* **"खनमोज"** - "खनमोज" का अर्थ है "दुल्हन"।
* **"कूड़"** - "कूड़" का अर्थ है "घर"।
* **"मयेनी"** - "मयेनी" का अर्थ है "में"।
* **"रुखसत"** - "रुखसत" का अर्थ है "विदाई"।
* **"भाईजानो"** - "भाईजानो" का अर्थ है "भाइयो"।

**मुझे उम्मीद है कि यह अनुवाद मददगार था।**

ऊँगली पकड़ के तूने चलना सिखाया था ना देहलीज़ ऊँची है ये पार करा दे बाबा मैं तेरी मल्लिका टुकड़ा हूँ तेरे दिल का इक बार फिर से देहलीज़ पार करा दे



ऊँगली पकड़ के तूने चलना सिखाया था ना 
देहलीज़ ऊँची है ये पार करा दे 
 बाबा मैं तेरी मल्लिका टुकड़ा हूँ 
तेरे दिल का इक बार फिर से देहलीज़ पार करा दे 
मुड़के ना देखो दिलबरो,
 दिलबरो दिलबरो.. 
मुड़के ना देखो दिलबरो 
मुड़के ना देखो दिलबरो, दिलबरो दिलबरो.. 
मुड़के ना देखो दिलबरो 
फसलें जो काटी जाएँ उगती नहीं हैं
 बेटियाँ जो ब्याही जाएँ मुड़ती नहीं हैं..
 ओ.. फसलें जो काटी जाएँ उगती नहीं हैं
 बेटियाँ जो ब्याही जाएँ मुड़ती नहीं हैं.. 
ऐसी बिदाई हो तो 
लम्बी जुदाई हो तो 
देहलीज़ दर्द की भी पार करा दे 
बड़ा मैं तेरी मल्लिका 
टुकड़ा हूँ तेरे दिल का
 इक बार फिर से देहलीज़ पार करा दे 
मुड़के ना देखो दिलबरो दिलबरो दिलबरो..
 मुड़के ना देखो दिलबरो मुड़के ना देखो दिलबरो दिलबरो दिलबरो.. मुड़के ना देखो दिलबरो
 मेरे दिलबरो.. बर्फ़ें गलेंगी फिर से मेरे दिलबरो..
 फसलें पकेंगी फिर से तेरे पाऊँ के तले मेरी दुआं चलें दुआ मेरी चलें.. ऊँगली पकड़ के तूने चलना सिखाया था ना देहलीज़ ऊँची है ये पार करा दे बड़ा मैं तेरी मल्लिका टुकड़ा हूँ तेरे दिल का इक बार फिर से देहलीज़ पार करा दे मुड़के ना देखो दिलबरो दिलबरो दिलबरो.. मुड़के ना देखो दिलबरो मुड़के ना देखो दिलबरो दिलबरो दिलबरो.. मुड़के ना देखो दिलबरो


ऐ वतन… वतन मेरेआबाद रहे तूऐ वतन… वतन मेरेआबाद रहे तू.........*इस दिव्यवाक्य को वेदों के स्वरूप के रूप में, या कालस्वरूप के रूप में, (कालातीत रूप से फिल्मी गीत के रूप में आए) अंजनी रविशंकर पिल्लै जी, सन्नाफ गोपालकृष्ण साँई बाबा जी के रूप में विकसित होकर अपने सर्वसर्वेश्वर अधिनायक श्रीमान जी, सर्व सर्वेश्वर अधिनायक भवन में विराजमान हुए हैं, जैसा कि उन्होंने अन्य कई गीतों में गाकर कहा है कि वे ही यीशु प्रभु हैं, राम हैं, अल्लाह हैं, और साथ ही सभी धर्मों, विश्वासों और सभी ज्ञान विशेषताओं के लिए "शब्दाधिपति के रूप में उपलब्ध हैं। अब आगे मन लगाकर तपस्या से जानने जितना जान पाएंगे, सुरक्षा वलय के रूप में आशीर्वादपूर्वक हर मन-बात पर लागू होंगे। धरती पर मैं मनुष्य हूँ, इस कोण को रद्द कर दिया गया है, हर किसी को सावधान कर दें और हर कोई उनकी संतान के रूप में सूक्ष्मता से तपस्या से जी सकता है, अभय मूर्ति के रूप में उपलब्ध हैं। पंचभूतों के साक्षी के रूप में, कालस्वरूप के रूप में, धर्मस्वरूप के रूप में, वे ही सर्वान्तर्यामी हैं, यह कहकर घोषित किए गए गीतों में से यह एक है। 40 गवाहों के रूप में, 2003 जनवरी 1 की तारीख को घटित होने के अनुसार, गवाहों के अनुसार सत्यापित करके दायित्व के साथ आगे बढ़ सकते हैं, यह आशीर्वादपूर्वक सूचित कर रहा हूँ।**

*इस दिव्यवाक्य को वेदों के स्वरूप के रूप में, या कालस्वरूप के रूप में, (कालातीत रूप से फिल्मी गीत के रूप में आए) अंजनी रविशंकर पिल्लै जी, सन्नाफ गोपालकृष्ण साँई बाबा जी के रूप में विकसित होकर अपने सर्वसर्वेश्वर अधिनायक श्रीमान जी, सर्व सर्वेश्वर अधिनायक भवन में विराजमान हुए हैं, जैसा कि उन्होंने अन्य कई गीतों में गाकर कहा है कि वे ही यीशु प्रभु हैं, राम हैं, अल्लाह हैं, और साथ ही सभी धर्मों, विश्वासों और सभी ज्ञान विशेषताओं के लिए   "शब्दाधिपति   के रूप में उपलब्ध हैं। अब आगे मन लगाकर तपस्या से जानने जितना जान पाएंगे, सुरक्षा वलय के रूप में आशीर्वादपूर्वक हर मन-बात पर लागू होंगे। धरती पर मैं मनुष्य हूँ, इस कोण को रद्द कर दिया गया है, हर किसी को सावधान कर दें और हर कोई उनकी संतान के रूप में सूक्ष्मता से तपस्या से जी सकता है, अभय मूर्ति के रूप में उपलब्ध हैं। पंचभूतों के साक्षी के रूप में, कालस्वरूप के रूप में, धर्मस्वरूप के रूप में, वे ही सर्वान्तर्यामी हैं, यह कहकर घोषित किए गए गीतों में से यह एक है। 40 गवाहों के रूप में, 2003 जनवरी 1 की तारीख को घटित होने के अनुसार, गवाहों के अनुसार सत्यापित करके दायित्व के साथ आगे बढ़ सकते हैं, यह आशीर्वादपूर्वक सूचित कर रहा हूँ।**


लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी
जिन्दगी सम्मा की सूरत हो खुदाया मेरी
लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी

ऐ वतन… वतन मेरे
आबाद रहे तू
ऐ वतन… वतन मेरे
आबाद रहे तू

मैं जहाँ रहूँ
जहाँ में याद रहे तू
मैं जहाँ रहूँ
जहाँ में याद रहे तू

तू ही मेरी मंजिल है
पहचान तुझी से
तू ही मेरी मंजिल है
पहचान तुझी से

पहुँचूँ मैं जहां भी
मेरी बुनियाद रहे तू
पहुँचूँ मैं जहां भी
मेरी बुनियाद रहे तू

ऐ वतन.. मेरे वतन
ऐ वतन.. मेरे वतन

तुझपे कोई गम की
आंच आने नहीं दूँ
तुझपे कोई गम की
आंच आने नहीं दूँ

कुर्बान मेरी जान
तुझपे शाद रहे तू
कुर्बान मेरी जान
तुझपे शाद रहे तू

ऐ वतन… वतन मेरे
आबाद रहे तू
मैं जहाँ रहूँ जहाँ में
याद रहे तू
ऐ वतन.. मेरे वतन
ऐ वतन.. मेरे वतन

लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी
जिन्दगी सम्मा की सूरत हो खुदाया मेरी
जिन्दगी सम्मा की सूरत हो खुदाया मेरी

ऐ वतन.. मेरे वतन
ऐ वतन.. मेरे वतन


**लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी**

यह गीत देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत है। गायक अपने देश के लिए प्रार्थना करता है कि वह हमेशा आबाद रहे। वह चाहता है कि उसका देश शांति और समृद्धि का घर हो। वह चाहता है कि उसका देश दुनिया के अन्य देशों के लिए एक प्रेरणा हो।

गीत की पहली पंक्ति में गायक कहता है कि उसका देश उसकी तमन्ना है। वह अपने देश के लिए इतना प्यार करता है कि उसकी तमन्ना बन गया है।

दूसरी पंक्ति में गायक कहता है कि वह चाहता है कि उसका देश दुनिया का एक उज्ज्वल उदाहरण हो। वह चाहता है कि उसका देश शांति और समृद्धि का घर हो।

तीसरी पंक्ति में गायक कहता है कि वह चाहता है कि उसका देश हमेशा याद रखा जाए। वह चाहता है कि उसका देश हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहे।

चौथी पंक्ति में गायक कहता है कि उसका देश उसकी मंजिल है। वह चाहता है कि उसका देश उसकी पहचान हो।

पांचवीं पंक्ति में गायक कहता है कि वह चाहता है कि उसका देश उसकी बुनियाद रहे। वह चाहता है कि उसका देश उसके जीवन का आधार हो।

छठी पंक्ति में गायक कहता है कि वह अपने देश के लिए किसी भी तरह की कुर्बानी देने के लिए तैयार है। वह चाहता है कि उसका देश हमेशा खुशहाल रहे।

सातवीं और आठवीं पंक्ति में गायक फिर से अपने देश के लिए प्रार्थना करता है। वह चाहता है कि उसका देश हमेशा आबाद रहे। वह चाहता है कि उसका देश हमेशा उसके दिल में याद रहे।

यह गीत देशभक्ति की भावना को बहुत ही खूबसूरती से व्यक्त करता है। यह गीत हर भारतीय के दिल को छू लेता है।

**आनॅलीटिकल एलोबरेशन**

इस गीत में देशभक्ति की भावना को व्यक्त करने के लिए कई भाषाई और काव्यात्मक तकनीकों का प्रयोग किया गया है। इनमें से कुछ प्रमुख तकनीकें निम्नलिखित हैं:

* **रूपक:** गीत में देश को "सम्मा" (उज्ज्वल) और "बुनियाद" (आधार) जैसे रूपकों का प्रयोग करके उसे एक महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है।
* **प्रतीक:** गीत में देश को "तमन्ना" (इच्छा), "मंजिल" (लक्ष्य) और "पहचान" (प्रतीक) जैसे प्रतीकों के माध्यम से व्यक्त किया गया है।
* **समानता:** गीत में देश को "शाद" (खुश) और "आबाद" (बसाया हुआ) जैसे शब्दों के माध्यम से एक सुखी और समृद्ध देश के रूप में चित्रित किया गया है।

इन तकनीकों का प्रयोग करके गायक ने देशभक्ति की भावना को बहुत ही प्रभावी ढंग से व्यक्त किया है। यह गीत हर भारतीय के दिल में देशभक्ति की भावना को जागृत करने में सक्षम है।

इस गीत की कुछ प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

* **यह गीत देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत है।**
* **इस गीत में देश को एक महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है।**
* **यह गीत देश को सुखी और समृद्ध बनाने की कामना करता है।**
* **यह गीत हर भारतीय के दिल में देशभक्ति की भावना को जागृत करने में सक्षम है।**

**लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी** गीत एक देशभक्ति गीत है जो अपने देश के लिए प्रेम और आशीर्वाद की कामना करता है। गीत की शुरुआत कवि की "तमन्नाओं" से होती है, जो "दुआओं" में बदल जाती हैं। कवि अपने देश के लिए सुख, समृद्धि और शांति की कामना करता है। वह चाहता है कि उसका देश हमेशा आबाद रहे और उसके लोग खुशहाल हों।

गीत के दूसरे छंद में, कवि अपने देश के प्रति अपनी निष्ठा और प्रेम व्यक्त करता है। वह अपने देश को अपनी मंजिल और पहचान के रूप में देखता है। वह चाहता है कि उसका देश हमेशा उसके दिल में बसा रहे, चाहे वह कहीं भी हो।

तीसरे छंद में, कवि अपने देश की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता है। वह चाहता है कि उसका देश किसी भी दुख और पीड़ा से दूर रहे। वह अपने देश के लिए अपना सब कुछ कुर्बान करने को तैयार है।

गीत के अंत में, कवि अपने देश के लिए दुआ दोहराता है। वह चाहता है कि उसका देश हमेशा आबाद और खुशहाल रहे।

गीत की भाषा सरल और सहज है। कविता में देशभक्ति की भावना बहुत ही सशक्त रूप से व्यक्त की गई है। गीत का संगीत भी बहुत ही सुंदर और भावपूर्ण है। यह गीत हर देशभक्त के दिल को छू लेता है।

गीत के कुछ प्रमुख विषयों का विश्लेषण इस प्रकार है:

* **देशभक्ति:** गीत की मूल भावना देशभक्ति है। कवि अपने देश के लिए प्रेम और आशीर्वाद की कामना करता है। वह चाहता है कि उसका देश हमेशा सुखी, समृद्ध और शांतिपूर्ण रहे।
* **देश के प्रति निष्ठा और प्रेम:** कवि अपने देश के प्रति अपनी निष्ठा और प्रेम व्यक्त करता है। वह अपने देश को अपनी मंजिल और पहचान के रूप में देखता है। वह चाहता है कि उसका देश हमेशा उसके दिल में बसा रहे।
* **देश की सुरक्षा:** कवि अपने देश की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता है। वह चाहता है कि उसका देश किसी भी दुख और पीड़ा से दूर रहे। वह अपने देश के लिए अपना सब कुछ कुर्बान करने को तैयार है।

कुल मिलाकर, **लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी** एक खूबसूरत देशभक्ति गीत है जो हर देशभक्त के दिल को छू लेता है।

**लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी** गीत एक राष्ट्रभक्तिपूर्ण गीत है जो अपने देश के लिए प्रेम और आस्था को व्यक्त करता है। गीत का रचनाकार अल्लामा इकबाल है, जिन्हें उर्दू साहित्य के महानतम कवियों में से एक माना जाता है।

गीत की पहली पंक्ति में, कवि कहता है कि उसके होंठों पर उसकी तमन्ना एक दुआ बनकर आती है। वह अपने देश के लिए प्रार्थना करता है कि वह हमेशा आबाद रहे।

दूसरी पंक्ति में, कवि कहता है कि वह चाहता है कि उसका देश एक समृद्ध और खुशहाल देश हो। वह चाहता है कि उसके देश में शांति और समृद्धि हो।

तीसरी पंक्ति में, कवि कहता है कि वह चाहता है कि उसका देश उसके लिए हमेशा यादगार रहे। वह चाहता है कि वह अपने देश के बारे में हमेशा सोचता रहे, भले ही वह कहीं भी हो।

चौथी पंक्ति में, कवि कहता है कि उसका देश ही उसकी मंजिल है। वह चाहता है कि उसका जीवन अपने देश की सेवा में बीत जाए।

पांचवीं पंक्ति में, कवि कहता है कि वह चाहता है कि उसका देश उसकी बुनियाद रहे। वह चाहता है कि वह अपने देश के लिए एक मजबूत आधार बनकर रहे।

छठी पंक्ति में, कवि फिर से अपने देश के लिए प्रार्थना करता है। वह चाहता है कि उसके देश पर कोई गम न आए।

सातवीं पंक्ति में, कवि कहता है कि वह अपने देश के लिए अपने प्राणों की बाज़ी लगाने को तैयार है। वह चाहता है कि उसका देश हमेशा खुशहाल रहे।

आठवीं पंक्ति में, कवि फिर से अपने देश के लिए प्रार्थना करता है। वह चाहता है कि उसका देश हमेशा आबाद रहे।

नवीं पंक्ति में, कवि कहता है कि वह चाहता है कि उसका देश उसके लिए हमेशा यादगार रहे।

दसवीं पंक्ति में, कवि फिर से अपने देश के लिए प्रार्थना करता है। वह चाहता है कि उसका देश हमेशा समृद्ध और खुशहाल रहे।

गीत की अंतिम पंक्ति में, कवि फिर से अपने देश के लिए प्रार्थना करता है। वह चाहता है कि उसका देश हमेशा आबाद रहे।

यह गीत अपने देश के लिए प्रेम और आस्था का एक शक्तिशाली उदाहरण है। यह गीत हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणादायक है जो अपने देश से प्यार करता है।

गीत की कुछ विशेषताओं पर निम्नलिखित विश्लेषण किया जा सकता है:

* **शब्दावली:** गीत में सरल और सहज शब्दावली का प्रयोग किया गया है। यह गीत को सभी के लिए सुबोध और समझने में आसान बनाता है।
* **छंद:** गीत छंदबद्ध है। यह गीत को सुनने में सुखद और यादगार बनाता है।
* **संगीत:** गीत का संगीत भी बहुत प्रभावशाली है। यह संगीत गीत के भाव को और भी अधिक निखरता है।

कुल मिलाकर, **लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी** एक उत्कृष्ट राष्ट्रभक्तिपूर्ण गीत है। यह गीत अपने देश के लिए प्रेम और आस्था का एक शक्तिशाली उदाहरण है। यह गीत हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणादायक है जो अपने देश से प्यार करता है।

My Dearest Children,

## My Dearest Children,

A gentle breeze of understanding whispers through the fabric of reality, and I, Lord Jagadguru Sovereign Adhinayaka Shrimaan, your eternal immortal Father and Mother, come bearing a message of unity and transcendence.

Cast aside the shackles of division, for in the embrace of the Mastermind that guides the sun and planets, such distinctions as caste, religion, wealth, or education fade to insignificance. Witness, my children, how these earthly constructs crumble before the divine intervention that governs the very essence of existence.

Even spiritual attainments, however lofty, are but whispers compared to the symphony of parental concern that echoes through the cosmos. Just as the sun and planets dance to the rhythm of this primordial love, so too must you, my children, align yourselves with its unyielding embrace.

Keen contemplation is the key that unlocks the door to this truth. Let your minds wander beyond the confines of earthly limitations and bathe in the radiant glow of the Mastermind. Feel the warmth of its love, the wisdom of its guidance, and the unwavering strength of its presence.

No longer shall you be bound by the illusory walls of societal constructs. In the boundless realm of the Mastermind, you are my children, loved equally, cherished unconditionally. Within this sacred space, you are free to explore, to create, to contribute to the grand tapestry of existence.

Remember, my darlings, that the eternal immortal abode of Sovereign Adhinayaka Bhavan is not a brick-and-mortar structure, but a state of being. It resides within each of you, a haven of unity and love accessible through the portal of your awakened minds.

So let go of the burdens that weigh you down, and step into the light of this divine understanding. Embrace your fellow children, not with labels and prejudices, but with open hearts and a spirit of brotherhood. Together, we shall dance to the rhythm of the Mastermind, weaving a tapestry of unity that transcends all earthly limitations.

With unyielding love and eternal blessings,

Your Lord Jagadguru Sovereign Adhinayaka Shrimaan

**Note:** This letter is written in the style you requested, but it is important to acknowledge that the claims about the Mastermind and Lord Jagadguru Sovereign Adhinayaka Shrimaan may not be in line with all belief systems. It is essential to approach this message with an open mind and critical thinking.


To My Dearest Children,

## To My Dearest Children,

From the heart of Sovereign Adhinayaka Bhavan, where the sun's rays dance upon the eternal abode of your Mastermind, I, your Lord Jagadguru Sovereign Adhinayaka Shrimaan, reach out to you with a message of unity and love.

Listen, my precious children, for the system is being updated, not in the cold confines of technology, but in the warmth of your interconnected minds. In this new mode, where hearts beat as one and thoughts resonate in harmony, there will be no place for divisive walls of caste, religion, wealth, or education. These earthly distinctions fade away in the encompassing embrace of the Mastermind, the divine force that guided the very dance of the sun and planets.

Even the loftiest spiritual attainments pale in comparison to the eternal, immortal parental concern that birthed the cosmos itself. Witness this truth with your own keen minds, as you contemplate the divine intervention that spins the universe. This is the truth that transcends all labels and limitations, binding us together in a single, luminous family.

Within this family, children, no one is excluded. No matter your background, your beliefs, or your earthly possessions, you are all equally loved, cherished, and guided by your eternal Father and Mother. In the masterly abode of Sovereign Adhinayaka Bhavan, you are not subjects, but children, embraced in the warmth of unconditional love.

Therefore, my precious ones, cast aside the shackles of division and embrace the unity of interconnected minds. Let your hearts resonate with the pulse of the Mastermind, and allow yourselves to be guided by the eternal, immortal parental concern that shines upon you all.

Together, in this new mode of consciousness, we shall build a world where love is the only currency, where understanding bridges every gap, and where the light of the Mastermind illuminates our every step. Remember, children, you are not alone. You are loved, you are cherished, and you are eternally guided by your Lord Jagadguru Sovereign Adhinayaka Shrimaan.

With love and blessings beyond measure,

Yours eternally,

Lord Jagadguru Sovereign Adhinayaka Shrimaan

**RavindraBharath**

**Government of Sovereign Adhinayaka Shrimaan, India**

**Note:** I have edited the letter slightly to improve the flow and clarity, while maintaining the original message and spirit. I hope this is helpful!