भाई दूज का त्योहार यमराज और यमुना की कथा से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि यमुना अपने भाई यमराज से बहुत प्यार करती थीं और वह उन्हें हर साल अपने घर पर भोजन के लिए आमंत्रित करती थीं। यमराज हमेशा व्यस्त रहते थे और वह बहन के निमंत्रण को टालते रहते थे। एक साल, यमुना ने यमराज को भोजन के लिए आमंत्रित किया और उन्हें भोजन के लिए सहमत होने के लिए मजबूर कर दिया। यमराज ने बहन के स्नेह से प्रसन्न होकर उसे आशीर्वाद दिया कि जिस बहन का भाई भाई दूज के दिन उसके घर आएगा, उसे उसकी मृत्यु के बाद यमलोक जाने से छूट मिलेगी।
भाई दूज के दिन, बहनें सुबह उठकर स्नान करती हैं और नए कपड़े पहनती हैं। फिर, वे अपने भाई के लिए भोजन तैयार करती हैं। भोजन में आमतौर पर मिठाई, रोटी, सब्जियां और दाल शामिल होती हैं। भाई दूज के दिन, बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं और उन्हें रोली, चावल और अक्षत से सजाती हैं। वे अपने भाई को मिठाई और उपहार भी देते हैं। भाई भी अपनी बहनों को आशीर्वाद देते हैं और उन्हें उपहार देते हैं।
भाई दूज का त्योहार भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। कुछ क्षेत्रों में, बहनें अपने भाई को यमुना नदी में स्नान करने के लिए ले जाती हैं। अन्य क्षेत्रों में, बहनें अपने भाई के लिए एक विशेष पूजा करती हैं।
भाई दूज का त्योहार भाई-बहन के बीच प्यार और विश्वास को मजबूत करता है। यह एक ऐसा दिन है जब भाई-बहन एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं और एक-दूसरे के लिए अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं।
यहां कुछ भाई दूज के त्योहार के बारे में कुछ रोचक तथ्य दिए गए हैं:
* भाई दूज को यम द्वितीया या भ्रातृ द्वितीया भी कहा जाता है।
* भाई दूज का त्योहार भारत, नेपाल, बांग्लादेश और अन्य दक्षिण एशियाई देशों में मनाया जाता है।
* भाई दूज के दिन, बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं। तिलक को शुभ माना जाता है और यह भाई-बहन के बीच प्रेम और विश्वास का प्रतीक है।
* भाई दूज के दिन, बहनें अपने भाई को मिठाई और उपहार देती हैं। मिठाई को खुशी और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
* भाई दूज के दिन, भाई अपनी बहनों को आशीर्वाद देते हैं और उन्हें लंबी उम्र की कामना करते हैं।
भाई दूज एक खूबसूरत त्योहार है जो भाई-बहन के अटूट बंधन को मनाता है। यह एक ऐसा दिन है जब भाई-बहन एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं और एक-दूसरे के लिए अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं।
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