Sunday, 23 July 2023

Bal Gangadhar Tilak (23 जुलाई 1856 – 1 अगस्त 1920) भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, समाज सुधारक और लेखक थे. उन्हें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के तीन प्रमुख नेताओं में से एक माना जाता है, जिनमें अन्य दो थे गोपाल कृष्ण गोखले और लाला लाजपत राय

Bal Gangadhar Tilak (23 जुलाई 1856 – 1 अगस्त 1920) भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, समाज सुधारक और लेखक थे. उन्हें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के तीन प्रमुख नेताओं में से एक माना जाता है, जिनमें अन्य दो थे गोपाल कृष्ण गोखले और लाला लाजपत राय.

तिलक का जन्म 23 जुलाई 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के चिखली गांव में हुआ था. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रत्नागिरी में ही प्राप्त की और फिर पुणे के डेक्कन कॉलेज में दाखिला लिया. कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लेना शुरू कर दिया.

तिलक ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए. उन्होंने 1896 में गणेश उत्सव और 1897 में शिवाजी उत्सव की शुरुआत की. इन उत्सवों ने भारतीय लोगों में राष्ट्रीयता की भावना को जागृत किया और उन्हें स्वतंत्रता संग्राम के लिए एकजुट किया.

तिलक ने 1907 में कांग्रेस के लखनऊ अधिवेशन में स्वराज की मांग को पहली बार उठाया. उन्होंने कहा कि स्वराज भारत का जन्मसिद्ध अधिकार है और इसे किसी भी कीमत पर प्राप्त किया जाना चाहिए.

तिलक को ब्रिटिश सरकार ने उनके स्वतंत्रता संग्राम के कार्यों के लिए कई बार जेल में डाला. लेकिन उन्होंने जेल में भी अपने कार्यों को जारी रखा. उन्होंने जेल से ही अंग्रेजों के खिलाफ लोगों को प्रेरित किया और उन्हें स्वतंत्रता संग्राम के लिए लड़ने के लिए प्रोत्साहित किया.

तिलक का 1 अगस्त 1920 को निधन हो गया. लेकिन उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में जो योगदान दिए, वे आज भी याद किए जाते हैं. उन्हें भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने "स्वतंत्रता संग्राम का पिता" कहा था.

तिलक के कुछ महत्वपूर्ण कार्य इस प्रकार हैं:

* उन्होंने गणेश उत्सव और शिवाजी उत्सव की शुरुआत की, जो भारतीय लोगों में राष्ट्रीयता की भावना को जागृत करने में मददगार हुए.
* उन्होंने 1907 में कांग्रेस के लखनऊ अधिवेशन में स्वराज की मांग को पहली बार उठाया.
* उन्होंने जेल में भी अपने कार्यों को जारी रखा और लोगों को स्वतंत्रता संग्राम के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया.
* उन्हें भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने "स्वतंत्रता संग्राम का पिता" कहा था.

तिलक एक महान स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, समाज सुधारक और लेखक थे. उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया और उन्हें भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने "स्वतंत्रता संग्राम का पिता" कहा था.

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