भारत में नववर्ष को विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों से और विशेष परंपराओं के साथ मनाया जाता है। हर क्षेत्र की अपनी खास मान्यताएँ, रीति-रिवाज और उत्सव के तरीके होते हैं। ये त्योहार आमतौर पर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होने वाले चंद्र कैलेंडर के अनुसार मनाए जाते हैं।
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1. आंध्र प्रदेश और तेलंगाना - उगादि
नाम: उगादि
कैसे मनाया जाता है?
इस दिन लोग स्नान कर नए वस्त्र धारण करते हैं।
घरों को मांगील पत्तों के तोरण से सजाया जाता है और रंगोली बनाई जाती है।
भगवान की पूजा कर पंचांग श्रवण (नए वर्ष की भविष्यवाणी सुनना) किया जाता है।
उगादि पचड़ी ग्रहण करना सबसे महत्वपूर्ण परंपरा है।
इसमें छह अलग-अलग स्वाद होते हैं, जो जीवन के सुख-दुख का प्रतीक हैं:
मीठा (गुड़) - खुशी
कड़वा (नीम) - कठिनाइयाँ
नमकीन - संतुलन
तीखा (मिर्च) - साहस
खट्टा (इमली) - आश्चर्य
कसैला (सरसों) - दुख
परिवार के साथ मिलकर पूजा, भजन और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
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2. कर्नाटक - युगादि
नाम: युगादि
कैसे मनाया जाता है?
कन्नड़ लोग इसे "बेलागु-बेला" परंपरा के साथ मनाते हैं।
बेलागु (नीम) - जीवन की कठिनाइयाँ
बेला (गुड़) - खुशियाँ और मिठास
पंचांग श्रवण, विशेष पूजा और पारिवारिक मिलन इस दिन के प्रमुख अंग हैं।
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3. महाराष्ट्र - गुड़ी पड़वा
नाम: गुड़ी पड़वा
कैसे मनाया जाता है?
घरों के बाहर गुड़ी (ध्वज) लगाना शुभ माना जाता है।
यह एक डंडे पर पीले वस्त्र, आम के पत्ते और नीम के पत्तों से सजाया जाता है।
भगवान की पूजा, पारंपरिक भोजन और त्योहारों का आयोजन किया जाता है।
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4. पंजाब - बैसाखी
नाम: बैसाखी
कैसे मनाया जाता है?
यह विशेष रूप से किसानों का नववर्ष और फसल कटाई का त्योहार है।
गुरुद्वारों में विशेष अरदास की जाती है।
लोग भांगड़ा और गिद्दा नृत्य करते हैं और हर्षोल्लास से पर्व मनाते हैं।
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5. असम - बोहाग बिहू
नाम: बोहाग बिहू
कैसे मनाया जाता है?
असम के लोग इसे खेती के नववर्ष के रूप में मनाते हैं।
पारंपरिक नृत्य और गीत गाए जाते हैं।
घरों की सफाई कर विशेष भोज और पूजा की जाती है।
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6. पश्चिम बंगाल - पोइला बैशाख
नाम: पोइला बैशाख
कैसे मनाया जाता है?
बंगाली नववर्ष के रूप में इसे बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
व्यापारी "हाल खाता" खोलते हैं (नए व्यापारिक खाते की शुरुआत)।
घरों में पूजा और पारंपरिक व्यंजन बनाए जाते हैं।
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7. तमिलनाडु - पुथंडु
नाम: पुथंडु
कैसे मनाया जाता है?
तमिल लोग सुबह "कण्णी" नामक परंपरा का पालन करते हैं।
विशेष पूजा-अर्चना, मंदिर दर्शन और पारंपरिक भोजन का आयोजन किया जाता है।
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8. कश्मीर - नवरेह
नाम: नवरेह
कैसे मनाया जाता है?
इस दिन लोग रात को चावल, सोना-चांदी, फल और सिक्के इकट्ठा कर भगवान की पूजा करते हैं।
सुबह पूजा और पारिवारिक कार्यक्रमों के साथ दिन मनाया जाता है।
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9. मणिपुर - सजिबु नोंगमा पानबा
नाम: साजिबू नोंगमा पानबा
कैसे मनाया जाता है?
मणिपुरी लोग इस दिन विशेष पूजा करते हैं।
पारंपरिक खानपान और सांस्कृतिक आयोजन होते हैं।
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निष्कर्ष
भारत के विभिन्न राज्यों में नए साल को अलग-अलग नामों और परंपराओं के साथ मनाया जाता है।
चाहे वह उगादि हो, युगादि हो, गुड़ी पड़वा हो, बैसाखी हो, बिहू हो, पोइला बैशाख हो, पुथंडु हो, या नवरेह हो—ये सभी त्योहार भारत की सांस्कृतिक समृद्धि और विविधता को दर्शाते हैं।
नए साल का यह पर्व सभी के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाए!
शुभ उगादि!
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