विवेक चूड़ामणि 1 से 20 तक
संस्कृत में विवेक चूड़ामणि का 01 श्लोक अंग्रेजी अनुवाद के साथ:
संस्कृत:
मनो बुद्ध्यंकारचित्तानि नाहं,
न च श्रोत्रजिह्वे न च घ्राणनेत्रे।
न च व्योम भूमिर्न तेजो न वायुः,
चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम्॥
अनुवाद:
मैं मन, बुद्धि, अहंकार या चित्त (चेतना) नहीं हूँ,
न ही मैं कान, जीभ, नाक या आंखें हूं।
मैं आकाश, पृथ्वी, अग्नि, वायु नहीं हूँ,
मैं शिव हूं, शुद्ध चेतना और आनंद का अवतार, मैं शिव हूं।
संस्कृत में विवेकचूड़ामणि का दूसरा श्लोक अंग्रेजी अनुवाद के साथ:
संस्कृत:
चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम्,
चिदानन्दरूपः शिवोऽहम् शिवोऽहम्।
अहं चिदानन्दबिम्ब आत्ममनस्त्वं,
त्वमेव चिदानन्दरूपः शिवोऽहम्॥
अनुवाद:
मैं शिव हूँ, शुद्ध चेतना और आनंद का अवतार, मैं शिव हूँ,
मैं शिव हूं, शुद्ध चेतना और आनंद का अवतार, मैं शिव हूं।
मैं मन के दर्पण में शुद्ध चेतना और आनंद का प्रतिबिंब हूँ,
आप शुद्ध चेतना और आनंद के अवतार भी हैं, आप शिव हैं।
संस्कृत में विवेकचूड़ामणि का 3 श्लोक अंग्रेजी अनुवाद के साथ:
संस्कृत:
त्वयि मयि चाण्यत्रैकोऽपि न लभ्यः,
शरीरतृणं किञ्चिदान्यत्र लोके।
त्यक्त्वा देहं पुनरापि न जन्म,
मृत्योः शोक्यं त्यक्त्वा देहं पुनरापि॥
अनुवाद:
न तुम में, न मुझमें और न किसी और में
क्या अनंत को पाया जा सकता है, क्योंकि वह सभी रूपों से परे है।
देह से तादात्म्य त्यागकर,
और यह जानकर कि आप जन्म या मृत्यु के अधीन नहीं हैं,
दुख के पार चले जाओ और फिर से शरीर के साथ तादात्म्य को त्याग दो।
संस्कृत में विवेक चूड़ामणि का 4 श्लोक अंग्रेजी अनुवाद के साथ:
संस्कृत:
जाग्रत्स्वप्नसुषुप्ताभ्यां चिदानन्दैकरूपता।
स्थिरत्रयभेदेन जगतकारणमुच्यते॥
अनुवाद:
विश्व कारण के रूप में जाना जाता है
तीन अवस्थाओं के भेद से: जाग्रत, स्वप्न और सुषुप्ति,
लेकिन वास्तव में यह विशुद्ध चैतन्य और आनंदमयी प्रकृति का होता है।
संस्कृत में विवेक चूड़ामणि के 5 श्लोक अंग्रेजी अनुवाद के साथ:
संस्कृत:
वासनाक्षयकर्तारं पूर्वेभ्यः कर्मभिः शुभैः।
जीवनमुक्तिः स वै ब्रह्मणि स्थितोऽभिव्यञ्जकः॥
अनुवाद:
जो पिछले जन्मों में किए गए शुभ कार्यों के माध्यम से प्रवृत्तियों (वासनाओं) को नष्ट कर देता है,
वह व्यक्ति, ब्रह्म (पूर्ण वास्तविकता) में स्थापित, जीवित रहते हुए मुक्ति (जीवनमुक्ति) प्रकट करता है।
संस्कृत में विवेक चूड़ामणि के 6 छंद अंग्रेजी अनुवाद के साथ:
संस्कृत:
बालस्तावत्क्रीडासक् तरुणस्तावत्तरुणीसक्तः।
वृद्धावस्थावच्चिंतासक्तः परमे ब्रह्मणि कोऽपि न सक्तः॥
अनुवाद:
बचपन में खेल से लगाव होता है,
युवावस्था में व्यक्ति अपने रोमांटिक पार्टनर से जुड़ा होता है,
वृद्धावस्था में चिंता और चिंता से बंधा होता है,
लेकिन शायद ही कोई परम ब्रह्म से जुड़ा हो।
संस्कृत में विवेक चूड़ामणि के 7 पद अंग्रेजी अनुवाद के साथ:
संस्कृत:
जन्तूनां नरजन दुर्लभं ततो पुंस्त्वं ततो विप्रतिषिद्धम्।
ततः श्रुतिर्मृगया। प्रेत्य भूमः ततः कृष्णः स्मर ततः पुनर्नरः॥
अनुवाद:
मनुष्य के रूप में जन्म सभी जीवित प्राणियों में दुर्लभ है,
उसके बाद इंसानों में मर्द होना दुर्लभ है,
फिर मुक्ति की इच्छा मनुष्यों में दुर्लभ है,
और अंत में, आत्म-साक्षात्कार के बारे में सुना और उसका अनुसरण करना सबसे दुर्लभ है।
संस्कृत में विवेकचूड़ामणि के 8 पद अंग्रेजी अनुवाद के साथ:
संस्कृत:
बाल्ये छात्रः प्रौढे दारिद्र्यनाशकः।
वार्धक्ये तु विपत्तिः स्याद्भग्ने ब्रह्मणि राधितः॥
अनुवाद:
बचपन में कोई ज्ञान चाहता है,
युवावस्था में व्यक्ति भौतिक संपदा के पीछे भागता है,
बुढ़ापे में आती है मुश्किलें,
लेकिन शायद ही कोई सर्वोच्च ब्रह्म की तलाश करता है।
संस्कृत में विवेक चूड़ामणि का 9 श्लोक अंग्रेजी अनुवाद के साथ:
संस्कृत:
स्वप्ने यथा पुराणं तु विज्ञानं बोध एव च।
आभासत अवस्मिन न तथा जाग्रदात्मनि॥
अनुवाद:
जिस प्रकार स्वप्न में अतीत का अनुभव सत्य प्रतीत होता है और प्राप्त ज्ञान सत्य प्रतीत होता है।
इसी प्रकार जाग्रत अवस्था में संसार वास्तविक प्रतीत होता है, परन्तु जाग्रत आत्मा में ऐसा नहीं है।
संस्कृत में विवेक चूड़ामणि के 10 श्लोक अंग्रेजी अनुवाद के साथ:
संस्कृत:
यः स्वानं वा मृगं वा वा सर्पमभ्रं वा पिण्डमदः।
सर्वं वस्तु विवेकेन तत्त्वमस्तु निरूपितम्॥
अनुवाद:
चाहे कुत्ता हो, जानवर हो, साँप हो या मिट्टी का लोंदा,
विवेक द्वारा, सब कुछ एक ही सर्वोच्च वास्तविकता के रूप में निर्धारित किया जाता है।
संस्कृत में विवेक चूड़ामणि का 11 श्लोक अंग्रेजी अनुवाद के साथ:
संस्कृत:
गेटऽष्टमीं घृणानां प्रिये संभाषणे।
प्रिये न जायते चैव जाते शोको विपत्तिशः॥
अनुवाद:
घृणा के जन्म के साथ आठवें दिन का उदय होता है
जो नापसंद है उसके बारे में बोलने की प्रवृत्ति।
आसक्ति के जन्म के साथ, जो पसंद किया जाता है उसका कोई उदय नहीं होता है,
और दोनों के जन्म के साथ ही दु:ख और विपत्ति उत्पन्न होती है।
संस्कृत में विवेक चूड़ामणि का 12 श्लोक अंग्रेजी अनुवाद के साथ:
संस्कृत:
स्वविषयं त्यजेद्भूमौ स्वरूपेण वा वने।
न युञ्जीयात्प्रवृत्तिं तु यदि विजयय वर्गम्॥
अनुवाद:
चाहे घर में हो या जंगल में, अपनी ही वस्तुओं की उपस्थिति में,
किसी को भी उनसे उलझने में लिप्त नहीं होना चाहिए,
न ही उन्हें अस्वीकार करें यदि कोई उन्हें क्षणभंगुर और महत्वहीन के रूप में पहचानता है।
संस्कृत में विवेक चूड़ामणि का 13 श्लोक अंग्रेजी अनुवाद के साथ:
संस्कृत:
श्रौते नास्तिको वेदे वा प्रमाणं नास्तिकोऽग्रणीः।
मुमुक्षुर्नास्तिको मुक्तो यत्र किञ्चित्प्रमाणतः॥
अनुवाद:
शास्त्र के मामलों में, नास्तिक अपने अधिकार को नकारता है,
तर्क के मामलों में अज्ञानी उसके महत्व की उपेक्षा करते हैं,
मुक्ति के मामले में मुक्ति चाहने वाला मुक्त हो जाता है,
किसी भी संदर्भ में, हमेशा किसी न किसी रूप में प्रमाण होता है।
संस्कृत में विवेक चूड़ामणि का 14 श्लोक अंग्रेजी अनुवाद के साथ:
संस्कृत:
वेदो नित्यमधीयतां तदुथं कर्म स्वानुष्ठीयताम्।
तेनेष्टं फलं संयत्तं तत्क्षणाल्लभ्यते निश्चितम्॥
अनुवाद:
वेदों का निरंतर अध्ययन करें,
निर्धारित क्रियाएं करने दें,
इस तरह के अनुशासित प्रयास से वांछित परिणाम,
निःसंदेह उचित समय पर प्राप्त होगा।
संस्कृत में विवेक चूड़ामणि का 15 श्लोक अंग्रेजी अनुवाद के साथ:
संस्कृत:
तत्त्वज्ञानात्मनामेव विदित्वा विजयय चेश्वरम्।
निष्किप्रपञ्च ब्रह्ममयं स्वयमात्मानमव्ययम्॥
अनुवाद:
स्वयं को सच्चे ज्ञान का सार जानकर,
और परम प्रभु को जानकर,
एक अद्वैत, शाश्वत और ब्रह्म से भरी वास्तविकता को देखता है,
अपने भीतर अविनाशी स्व।
संस्कृत में विवेक चूड़ामणि का 16 श्लोक अंग्रेजी अनुवाद के साथ:
संस्कृत:
ब्रह्मणि विद्यां समुदासित्य जीवेत्परिपूर्णचिन्मात्रभावन्।
तत्कारणं स्मरेद्यस्तु स जीव जगत्कृद्भूतलोचनः॥
अनुवाद:
ब्रह्म के ज्ञान में स्थापित,
व्यक्ति स्वयं को सर्वव्यापी शुद्ध चेतना के रूप में मानता हुआ जीता है।
यह याद रखना कि कारण के रूप में, एक अनुभवकर्ता है,
वह व्यक्ति संसार का द्रष्टा और उसका निर्माता बन जाता है
17. संस्कृत में विवेकचूड़ामणि का श्लोक अंग्रेजी अनुवाद के साथ:
संस्कृत:
वाचारम्भणं विकारो नामधेयं मृत्तिकेत्येव सत्यम्।
अविद्यामोहितं विश्वं मायामुपह्वत्येष एव हि॥
अनुवाद:
वाणी का परिमार्जन तो एक नाम है, जो मूल रूप से मिट्टी है।
उसी प्रकार सारा संसार अज्ञान से ग्रसित,
यह और कुछ नहीं बल्कि माया, मायावी शक्ति का आभास है।
संस्कृत में विवेक चूड़ामणि का 18 श्लोक अंग्रेजी अनुवाद के साथ:
संस्कृत:
ब्रह्मात्मकत्वं सच्चिदानन्दस्वरूपं
स्वात्मारमं सान्द्रालयं सदाशिवं च।
आकर्षकनोति यस्तु परिभाषाविमृश्यमाणं
सोऽहं न तं तत्त्वमजानामि तत्त्ववित्॥
अनुवाद:
वह जो, परिभाषाओं के विश्लेषण के माध्यम से,
ब्रह्म की प्रकृति को स्वयं के रूप में खोजता है,
अस्तित्व-ज्ञान-आनंद निरपेक्ष,
शाश्वत निवास और सर्वोच्च भगवान,
वह व्यक्ति, सत्य के ज्ञाता के रूप में,
"मैं वह नहीं हूँ, पूर्ण वास्तविकता,"
अपने स्वयं के सार की सच्चाई को महसूस करता है।
संस्कृत में विवेक चूड़ामणि का 19 श्लोक अंग्रेजी अनुवाद के साथ:
संस्कृत:
योगास्त्रयं त्रिधा प्रोक्तं निष्कलङ्कं निरञ्जनं।
चिन्मात्रं सर्वदृश्याध्यं सर्वदृग्विलयं परम्॥
अनुवाद:
योग तीन प्रकार का बताया गया है:
बेदाग, बेदाग और बेदाग,
शुद्ध चेतना से युक्त, बोध की सभी वस्तुओं से परे,
और द्रष्टा को दृश्य से मिलाने की परम अवस्था।
विवेकचूड़ामणि का 20वां श्लोक संस्कृत में अंग्रेजी अनुवाद के साथ:
संस्कृत:
सर्वे वेदाः यत्पदार्था यस्मिन्नवगमंयते।
तत्त्वमात्रं परं ब्रह्म तस्मादेवं विमुच्यते॥
अनुवाद:
सभी वेद उस वास्तविकता की समझ की ओर ले जाते हैं,
जिसमें शब्दों का सारा सार समाया हुआ है।
वह परम सत्य परम ब्रह्म है,
जिसे जानने से व्यक्ति मुक्त हो जाता है।
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