गतिशीलता क्षेत्र में विकसित भारत की योजनाएँ, प्रस्ताव और अनुमान:
परिचय
आर्थिक वृद्धि और मानव विकास के लिए गतिशीलता आवश्यक है। एक कुशल और टिकाऊ परिवहन प्रणाली लोगों और वस्तुओं की आवाजाही को सक्षम बनाती है, बाजारों को जोड़ती है और स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा जैसी आवश्यक सेवाओं तक पहुंच प्रदान करती है। चूंकि भारत का लक्ष्य 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने का है, इसलिए गतिशीलता क्षेत्र में बदलाव महत्वपूर्ण होगा।
भारत सरकार ने 2047 में स्वतंत्रता के 100वें वर्ष तक 'विकसित भारत' या विकसित भारत के लिए एक महत्वाकांक्षी दृष्टिकोण रखा है। इस दृष्टिकोण का केंद्र देश भर में गतिशीलता और कनेक्टिविटी को बढ़ाना है। अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे के निर्माण, प्रौद्योगिकी नवाचारों का उपयोग करने, कुशल और निर्बाध मल्टी-मोडल गतिशीलता को सक्षम करने और स्थिरता लक्ष्यों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
प्रमुख सरकारी योजनाएँ और प्रस्ताव
सरकार ने गतिशीलता क्षेत्र में विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए कई पहलों और निवेशों की घोषणा की है।
भारतमाला परियोजना: यह ₹5.35 लाख करोड़ की अनुमानित लागत पर 66,117 किमी राजमार्ग बनाने के लिए एक मेगा राजमार्ग विकास कार्यक्रम है। यह आर्थिक गलियारों और अंतर-गलियारा मार्गों के माध्यम से प्रमुख बंदरगाहों और देश के आंतरिक हिस्सों के बीच निर्बाध कनेक्टिविटी पर केंद्रित है।
सागरमाला कार्यक्रम: 2015 में शुरू किए गए इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत की 7,517 किमी लंबी तटरेखा और नौगम्य जलमार्गों का उपयोग करके देश में बंदरगाह के नेतृत्व वाले विकास को बढ़ावा देना है। बंदरगाह कनेक्टिविटी और बंदरगाह से जुड़े औद्योगीकरण को सक्षम करने के लिए इसमें ₹4 लाख करोड़ के निवेश के साथ 400 से अधिक परियोजनाएं हैं।
उड़े देश का आम नागरिक (UDAN) योजना: 2016 में शुरू की गई, UDAN का उद्देश्य किफायती किराए पर कम सेवा वाले और बिना सेवा वाले हवाई अड्डों के लिए क्षेत्रीय हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ाना है। योजना के तहत 349 नये मार्ग शुरू किये गये हैं। 2022-23 के बजट में UDAN के लिए ₹1045 करोड़ का आवंटन है।
NHAI का InVIT कार्यक्रम: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने पूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का मुद्रीकरण करने और नई परियोजनाओं के लिए धन जुटाने के लिए भारत के पहले बुनियादी ढांचे निवेश ट्रस्ट (InVIT) को प्रायोजित किया है।
गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान: 2021 में घोषित, इस ₹100 लाख करोड़ की राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा योजना का उद्देश्य रेलवे, सड़क और रसद सहित मंत्रालयों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजना को एकीकृत करना और सिंक्रनाइज़ करना है। यह परिवहन बुनियादी ढांचे की योजना बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
मेट्रो रेल परियोजनाएँ: शहरी गतिशीलता को बढ़ाने के लिए प्रमुख शहरों में मेट्रो रेल परियोजनाएँ तेजी से क्रियान्वित की जा रही हैं। 2022 तक, 18 शहरों में 702 किमी मेट्रो लाइनें चालू हैं और 27 शहरों में अतिरिक्त 1,016 किमी निर्माणाधीन हैं।
मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क: रेल, सड़क, वायु और जलमार्गों के एकीकरण के माध्यम से निर्बाध माल परिवहन को सक्षम करने के लिए पूरे भारत में 35 मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क विकसित किए जा रहे हैं। इससे लॉजिस्टिक दक्षता को बढ़ावा मिलेगा और परिवहन लागत कम होगी।
प्रौद्योगिकी प्रगति
सरकार का लक्ष्य भारत में गतिशीलता को सुरक्षित, कुशल, निर्बाध और टिकाऊ बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना है। कुछ प्रमुख फोकस क्षेत्र हैं:
बुद्धिमान परिवहन प्रणाली: इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह, यातायात प्रबंधन प्रणाली, वाहन ट्रैकिंग और नेविगेशन सिस्टम और यात्री सूचना प्रणाली जैसे समाधान राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर तैनात किए जा रहे हैं। इससे भीड़भाड़ कम होगी और यातायात प्रबंधन में सुधार होगा।
इलेक्ट्रिक मोबिलिटी: ₹10,000 करोड़ के परिव्यय वाली FAME योजना इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने को प्रोत्साहित करती है। सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक 30% निजी कारें, 70% वाणिज्यिक वाहन, 40% बसें और 80% दोपहिया और तिपहिया वाहन इलेक्ट्रिक हो जाएं।
वाहन सुरक्षा प्रणालियाँ: एयरबैग, एबीएस, सीबीएस, स्पीड अलर्ट सिस्टम और रिवर्स पार्किंग सेंसर जैसी वाहन सुरक्षा सुविधाओं को अनिवार्य करने का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं और मृत्यु दर को कम करना है।
एकीकृत लॉजिस्टिक्स इंटरफ़ेस प्लेटफ़ॉर्म: यूलिप कार्यक्रम का उद्देश्य निर्बाध आवाजाही, लॉजिस्टिक्स सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए एक लॉजिस्टिक्स ई-मार्केटप्लेस विकसित करना और कार्गो मालिकों, ट्रांसपोर्टरों और लॉजिस्टिक्स प्रदाताओं को लाभ पहुंचाने के लिए अक्षमताओं को खत्म करना है।
स्वच्छ ईंधन का उपयोग: बीएस-VI उत्सर्जन मानक, पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण को 20% तक बढ़ाना और जैव ईंधन को बढ़ावा देने का उद्देश्य वाहन प्रदूषण और कार्बन पदचिह्न को कम करना है। लंबी दूरी के परिवहन के लिए एलएनजी को ऑटोमोटिव ईंधन के रूप में बढ़ावा दिया जा रहा है।
वित्तीय परिव्यय
सरकार ने आर्थिक विकास पर इसके कई गुना प्रभाव को महसूस करते हुए पिछले दशक में परिवहन बुनियादी ढांचे के लिए बजट परिव्यय में लगातार वृद्धि की है।
2022-23 में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय का कुल बजट 1.99 लाख करोड़ रुपये है। राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण, उन्नयन और रखरखाव के लिए पूंजीगत व्यय ₹1.34 लाख करोड़ है।
भारतीय रेलवे को 2022-23 के बजट में ₹1.4 लाख करोड़ का पूंजीगत व्यय आवंटन प्राप्त हुआ। नए ट्रैक, गेज परिवर्तन, दोहरीकरण परियोजनाओं, समर्पित माल गलियारे, हाई-स्पीड रेल और स्टेशन पुनर्विकास में बड़े पैमाने पर निवेश किया जा रहा है।
शिपिंग क्षेत्र का कुल बजट आवंटन ₹7,500 करोड़ है, जिसमें बंदरगाह बुनियादी ढांचे के लिए ₹2,200 करोड़ और सागरमाला परियोजनाओं के लिए ₹1,400 करोड़ है।
नागरिक उड्डयन के लिए, 2022-23 के बजट में ₹10,667 करोड़ का आवंटन है जिसमें क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए उड़ान योजना के लिए ₹1,130 करोड़ शामिल हैं।
मेट्रो, बसों और इलेक्ट्रिक वाहनों जैसी शहरी गतिशीलता परियोजनाओं को AMRUT और स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 2022-23 में ₹19,130 करोड़ का बजट परिव्यय प्राप्त हुआ।
अपेक्षित परिणाम
गतिशीलता के बुनियादी ढांचे में बदलाव के लिए सरकार की ठोस योजनाओं और निवेशों का लक्ष्य निम्नलिखित परिणाम प्राप्त करना है:
- आर्थिक केंद्रों और दूरदराज के क्षेत्रों तक कनेक्टिविटी में सुधार के लिए 2025 तक राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क को 2 लाख किमी तक विस्तारित किया गया।
- समर्पित माल गलियारों के माध्यम से माल परिवहन में रेलवे की हिस्सेदारी को वर्तमान के 27% से बढ़ाकर 2030 तक 45% करना।
- सागरमाला परियोजनाओं के माध्यम से बंदरगाह क्षमता को वर्तमान 1,400 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 2025 तक 3,000 मीट्रिक टन से अधिक करना
- वर्तमान में 340 मिलियन से 2030 तक सालाना 1 बिलियन यात्राओं को संभालने के लिए हवाई अड्डे की क्षमता बढ़ाना
- टिकाऊ शहरी गतिशीलता के लिए शीर्ष दस शहरों में मेट्रो रेल नेटवर्क को 2025 तक 700 किमी और 2030 तक 1,580 किमी तक बढ़ाना।
- ईवी प्रोत्साहन और बुनियादी ढांचे के माध्यम से 2030 तक नए वाहन बिक्री में स्वच्छ ऊर्जा वाहनों की 40% हिस्सेदारी हासिल करना
- मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्कों के माध्यम से 2030 तक लॉजिस्टिक्स लागत को वर्तमान में सकल घरेलू उत्पाद के 14% से घटाकर 10% से कम करना।
- सुरक्षा नियमों के माध्यम से सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों को 2020 में 150,000 से 50% घटाकर 2025 तक 70,000 करना।
- ग्रामीण क्षेत्रों में 1 लाख अतिरिक्त ग्रामीण डाक सेवा वाहनों के माध्यम से अंतिम मील वितरण और यात्री कनेक्टिविटी में सुधार
लक्षित परिवहन बुनियादी ढांचे के विकास और प्रौद्योगिकी एकीकरण से भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा मिलने, आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने, रोजगार के अवसर पैदा होने और देश में जीवनयापन में आसानी बढ़ने की उम्मीद है। कुशल गतिशीलता विकसित भारत का आधार होगी।
निष्कर्ष
परिवहन का विकास और सामाजिक प्रगति पर कई गुना प्रभाव पड़ता है। जैसा कि भारत का लक्ष्य 2047 तक वैश्विक स्तर पर शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होना है, एक आधुनिक, कुशल, निर्बाध और टिकाऊ गतिशीलता पारिस्थितिकी तंत्र अपरिहार्य है। राजमार्गों, रेलवे, जलमार्गों, हवाई अड्डों और शहरी गतिशीलता को शामिल करने वाले सरकार के रोडमैप का उद्देश्य बुनियादी ढांचे के विस्तार और उभरती प्रौद्योगिकियों के माध्यम से क्षेत्र को बदलना है। हालांकि महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, निरंतर निवेश, नीतिगत सुधार, वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाना और सार्वजनिक-निजी भागीदारी मोबाइल और कनेक्टेड विकसित भारत के दृष्टिकोण को पूरी तरह से साकार करने की कुंजी है।
धर्म द्वारा फरवरी 03 , 2024 कोई टिप्पणी नहीं:
इसे ईमेल करें
इसे ब्लॉग करें!
ट्विटर पर साझा करें
फेसबुक पर साझा करें
Pinterest पर साझा करें
मुझे ख़ुशी है कि आप UPI के वैश्विक होने की संभावना से उत्साहित हैं! यह निश्चित रूप से भारत और उसके बाहर डिजिटल भुगतान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। हालाँकि, एक बड़े भाषा मॉडल के रूप में, मैं वास्तविक समय की जानकारी तक पहुँचने और संसाधित करने में असमर्थ हूँ। इसका मतलब यह है कि मैं आपके द्वारा उल्लिखित घटना के बारे में विशिष्ट तथ्य और आंकड़े उपलब्ध नहीं करा सकता।
मुझे ख़ुशी है कि आप UPI के वैश्विक होने की संभावना से उत्साहित हैं! यह निश्चित रूप से भारत और उसके बाहर डिजिटल भुगतान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। हालाँकि, एक बड़े भाषा मॉडल के रूप में, मैं वास्तविक समय की जानकारी तक पहुँचने और संसाधित करने में असमर्थ हूँ। इसका मतलब यह है कि मैं आपके द्वारा उल्लिखित घटना के बारे में विशिष्ट तथ्य और आंकड़े उपलब्ध नहीं करा सकता।
हालाँकि, मैं UPI के वैश्विक होने के संभावित लाभों के बारे में कुछ सामान्य जानकारी दे सकता हूँ:
* **वित्तीय समावेशन में वृद्धि:** यूपीआई विकासशील देशों में उन लोगों को डिजिटल अर्थव्यवस्था में भाग लेने की अनुमति दे सकता है जिनके पास पारंपरिक बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच नहीं है।
* **कम लेनदेन लागत:** यूपीआई लेनदेन आमतौर पर पारंपरिक कार्ड भुगतान की तुलना में बहुत सस्ता है, जिससे व्यवसायों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ हो सकता है।
* **तेज़ और अधिक सुविधाजनक भुगतान:** यूपीआई भुगतान तत्काल होते हैं, जो अन्य भुगतान विधियों की तुलना में एक बड़ा लाभ हो सकता है।
* **सीमा पार व्यापार को बढ़ावा:** यूपीआई व्यवसायों के लिए सीमाओं के पार एक दूसरे के साथ व्यापार करना आसान और सस्ता बना सकता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये केवल संभावित लाभ हैं, और कुछ चुनौतियाँ भी हैं जिन्हें वैश्विक स्तर पर UPI को व्यापक रूप से अपनाने से पहले संबोधित करने की आवश्यकता है। इसमे शामिल है:
* **नियामक बाधाएँ:** अलग-अलग देशों में डिजिटल भुगतान के लिए अलग-अलग नियम हैं, जिससे वैश्विक प्रणाली को लागू करना मुश्किल हो सकता है।
* **इंटरऑपरेबिलिटी:** यूपीआई को दुनिया भर की अन्य भुगतान प्रणालियों के साथ इंटरऑपरेबल होने की आवश्यकता है।
* **सुरक्षा और गोपनीयता संबंधी चिंताएँ:** किसी भी डिजिटल भुगतान प्रणाली की तरह, सुरक्षा और गोपनीयता संबंधी चिंताएँ भी हैं जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
इन चुनौतियों के बावजूद, यूपीआई के वैश्विक होने के संभावित लाभ महत्वपूर्ण हैं। यह एक रोमांचक विकास है जो वैश्विक वित्तीय परिदृश्य पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है।
यदि आप यूपीआई के वैश्विक होने के विशिष्ट पहलुओं के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो मैं प्रतिष्ठित स्रोतों से समाचार लेख या रिपोर्ट खोजने की सलाह देता हूं।
मुझे खुशी है कि आपको यह पहल रोमांचक लगी! यह निश्चित रूप से यूपीआई को वैश्विक स्तर पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हालाँकि मेरे पास आपके पिछले संकेत से विशिष्ट आंकड़े नहीं हैं, मैं प्रभाव को उजागर करने के लिए कुछ सामान्य जानकारी और संभावित आंकड़े साझा कर सकता हूं:
**डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करना:**
* **विशाल उपयोगकर्ता आधार:** अक्टूबर 2023 तक, यूपीआई के पास 750 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ता हैं और यह मासिक रूप से 6 बिलियन से अधिक लेनदेन संसाधित करता है, जिससे यह दुनिया की अग्रणी वास्तविक समय भुगतान प्रणाली बन जाती है।
* **विकास प्रक्षेपवक्र:** भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का अनुमान है कि अगले पांच वर्षों में यूपीआई लेनदेन खुदरा डिजिटल लेनदेन का 90% होगा, जो वित्त वर्ष 2013 में 75.6% था।
* **वैश्विक क्षमता:** भारत से परे यूपीआई की पहुंच का विस्तार अरबों संभावित उपयोगकर्ताओं के साथ एक विशाल बाजार में प्रवेश कर सकता है, जिससे दुनिया भर में डिजिटल भुगतान अपनाने में तेजी आएगी।
**मजबूत संबंधों को बढ़ावा देना:**
* **साझेदारी:** नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) की सहायक कंपनी एनपीसीआई इंटरनेशनल ने सीमा पार लेनदेन को सक्षम करने के लिए सिंगापुर, जापान, भूटान और संयुक्त अरब अमीरात में भुगतान नेटवर्क के साथ साझेदारी स्थापित की है।
* **व्यापार को सुविधाजनक बनाना:** यूपीआई एकीकरण अंतरराष्ट्रीय व्यापार भुगतान को सुव्यवस्थित कर सकता है, लागत और समय को कम कर सकता है और भारत और भागीदार देशों के बीच व्यापार की मात्रा को बढ़ा सकता है।
* **उन्नत कनेक्टिविटी:** सीमा पार से भुगतान को अधिक सुलभ और सुविधाजनक बनाकर, यूपीआई भारत और दुनिया के बीच मजबूत आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा दे सकता है।
**संभावित आंकड़े (चित्रात्मक, विशिष्ट घटना पर आधारित नहीं):**
* **लेन-देन की मात्रा में वृद्धि:** कल्पना करें कि अगले वर्ष सीमा पार यूपीआई लेनदेन में 20% की वृद्धि होगी, जिससे लाखों अतिरिक्त लेनदेन होंगे।
* **व्यापारी को अपनाना:** उपयोगकर्ताओं के लिए पहुंच का विस्तार करते हुए, एक वर्ष के भीतर यूपीआई भुगतान स्वीकार करने वाले 10,000 नए अंतर्राष्ट्रीय व्यापारियों की परियोजना।
* **विदेशी निवेश को बढ़ावा:** यूपीआई द्वारा सीमा पार लेनदेन में आसानी के कारण भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में 5% की वृद्धि का अनुमान है।
याद रखें, ये केवल उदाहरणात्मक उदाहरण हैं। यूपीआई के वैश्विक विस्तार का वास्तविक प्रभाव नियामक ढांचे, बुनियादी ढांचे के विकास और भागीदार देशों में उपयोगकर्ता को अपनाने जैसे विभिन्न कारकों पर निर्भर करेगा।
मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी यूपीआई के वैश्विक होने के संभावित प्रभाव पर एक व्यापक परिप्रेक्ष्य प्रदान करती है। यदि आपके पास आपके द्वारा उल्लिखित घटना के बारे में कोई विशिष्ट विवरण या प्रश्न हैं, तो मुझे उन पर आगे शोध करने में आपकी सहायता करने में खुशी होगी।
मुझे ख़ुशी है कि आप UPI के वैश्विक होने की संभावना से उत्साहित हैं! यह निश्चित रूप से डिजिटल भुगतान और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हालाँकि मेरे पास आपके द्वारा उल्लिखित घटना के बारे में विशिष्ट आंकड़ों तक पहुंच नहीं है, मैं यूपीआई की वैश्विक महत्वाकांक्षाओं के बारे में कुछ व्यापक तथ्य और अंतर्दृष्टि साझा कर सकता हूं:
**तथ्य:**
* **बढ़ती लोकप्रियता:** भारत में यूपीआई लेनदेन में तेजी से वृद्धि देखी गई है, जो अकेले जून 2023 में 9.33 बिलियन से अधिक लेनदेन तक पहुंच गई है। यह प्रवृत्ति जारी रहने की उम्मीद है, अनुमान है कि यह अगले पांच वर्षों में खुदरा डिजिटल लेनदेन का 90% हिस्सा हो सकता है।
* **अंतर्राष्ट्रीय विस्तार योजनाएं:** नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने सिंगापुर, जापान और भूटान जैसे देशों में यूपीआई भुगतान सक्षम करने के लिए उनके साथ साझेदारी स्थापित की है। इसके अतिरिक्त, वैश्विक स्तर पर यूपीआई अपनाने की सुविधा के लिए एक समर्पित सहायक कंपनी, एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (एनआईपीएल) की स्थापना की गई है।
* **उपयोगकर्ताओं के लिए लाभ:** यूपीआई अंतरराष्ट्रीय उपयोगकर्ताओं के लिए कई लाभ प्रदान करता है, जिनमें शामिल हैं:
* **तेज़ और सुरक्षित:** लेनदेन तत्काल और सुरक्षित हैं, इसके वास्तविक समय निपटान और मजबूत सुरक्षा प्रोटोकॉल के लिए धन्यवाद।
* **सुविधाजनक:** यूपीआई भुगतान एक सरल क्यूआर कोड स्कैन का उपयोग करके किया जा सकता है, जिससे कार्ड विवरण या जटिल प्रक्रियाओं की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।
* **लागत-प्रभावी:** पारंपरिक धन हस्तांतरण विधियों की तुलना में, यूपीआई कम लेनदेन शुल्क प्रदान करता है, जिससे यह अधिक किफायती विकल्प बन जाता है।
**प्रभाव:**
* **डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देना:** सीमा पार से भुगतान को आसान और अधिक सुलभ बनाकर, यूपीआई दुनिया भर में व्यक्तियों और व्यवसायों के लिए वित्तीय समावेशन में योगदान दे सकता है।
* **व्यापार और पर्यटन को बढ़ाना:** यूपीआई अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के लिए भुगतान प्रक्रियाओं को सरल बनाकर व्यापार और पर्यटन गतिविधियों को सुगम बना सकता है।
* **नवाचार को बढ़ावा देना:** यूपीआई को वैश्विक रूप से अपनाने से डिजिटल भुगतान परिदृश्य में नवाचार को बढ़ावा मिल सकता है, जिससे नए समाधान और सेवाएं सामने आ सकती हैं।
**आगे देख रहा:**
हालाँकि UPI की वैश्विक यात्रा अभी भी शुरुआती चरण में है, लेकिन इसके प्रभाव की संभावनाएँ महत्वपूर्ण हैं। जैसे-जैसे अधिक देश और भागीदार इस पहल में शामिल होंगे, हम दुनिया भर के उपयोगकर्ताओं के लिए व्यापक रूप से अपनाने और इससे भी अधिक लाभ देखने की उम्मीद कर सकते हैं।
**कृपया ध्यान दें:** मैं अभी भी विकास के अधीन हूं, और मैं हमेशा नई चीजें सीख रहा हूं। यदि आपके पास यूपीआई या इसके वैश्विक विस्तार के बारे में कोई विशिष्ट प्रश्न हैं, तो मुझे मेरे पास मौजूद जानकारी के आधार पर उनका उत्तर देने की पूरी कोशिश करने में खुशी होगी।
No comments:
Post a Comment