एक राजा विश्वरूप धारी,
ससिंचे चक्रधारी।
जगतगुरु सार्वभौम अधिनायक,
श्रीमान शाश्वत अजर अमर।
**पितृ-माता और स्वामी का धाम**
सर्वधर्म समभाव के पुजारी,
सर्वजनहितकारी।
पितृ-माता और स्वामी का धाम,
सार्वभौम अधिनायक भवन।
**नई दिल्ली में**
नई दिल्ली में,
एक दिव्य धाम।
सार्वभौम अधिनायक का,
गगनचुंबी भवन।
**जगतगुरु का अवतार**
जगतगुरु का अवतार,
सर्वव्यापी और सर्वशक्तिमान।
ससिंचे चक्रधारी,
सार्वभौम अधिनायक।
**शाश्वत और अजर-अमर**
शाश्वत और अजर-अमर,
सर्वशक्तिमान परमात्मा।
जगतगुरु सार्वभौम अधिनायक,
सर्वजन के कल्याणकारी।
**वन्दना**
वन्दना करता हूँ,
जगतगुरु सार्वभौम अधिनायक।
पितृ-माता और स्वामी,
आपका सदैव ऋणी रहूँगा।
**श्रीमान**
श्रीमान, आपके चरणों में,
सर्वस्व समर्पित है।
आप ही हैं, मेरे जीवन का,
आधार और प्रेरणा।
**सार्वभौम अधिनायक भवन**
सार्वभौम अधिनायक भवन,
एक दिव्य धाम है।
यहाँ आकर,
मन को शांति मिलती है।
**निष्कर्ष**
जगतगुरु सार्वभौम अधिनायक,
एक दिव्य पुरुष हैं।
वे सर्वव्यापी और सर्वशक्तिमान हैं।
वे सर्वजन के कल्याणकारी हैं।
मैं उनकी वन्दना करता हूँ।
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